Passive Smoking and Rheumatoid Arthritis: माता-पिता द्वारा स्मोकिंग यानी धूम्रपान करने से बच्चों को बड़े होने पर रूमेटाइड अर्थराइटिस हो सकता है, ऐसा एक नई स्टडी से पता चला है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) गठिया रोग का ही एक प्रकार है, जिसमें जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या रहती है।
आर्थराइटिस एण्ड रुमेटोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित यह स्टडी, साल 1989 के दौरान नर्सों के स्वास्थ्य अध्ययन में शामिल 90 हजार महिलाओं पर आधारित है।
स्टडी में 25 से 42 वर्ष की नर्सें शामिल थीं, जिनमें से 532 को 28 वर्षों की जांच में गठिया की ऐसी बीमारी हुई।
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स्टडी के विशेषज्ञों ने सिगरेट-बीड़ी के धुंए में सांस लेने वाली महिलाओं को तीन श्रेणियों में रखा था।
इनमें कुछ गर्भावस्था के दौरान माँ के, बचपन के दौरान माता-पिता दोनों के और 18 साल की उम्र से स्वयं के धूम्रपान से प्रभावित थी।
व्यक्तिगत धूम्रपान के मुकाबले बचपन में माता-पिता का धूम्रपान (Passive smoking) झेलने वाली लड़कियों में बड़े होने पर रूमेटोइड गठिया के विकास का 75 फीसदी अधिक खतरा पाया गया।
बड़े होने पर धूम्रपान करने वाली महिलाओं में यह जोखिम और भी अधिक था।
ब्रिघम एंड वीमेन हॉस्पिटल के विशेषज्ञों की मानें तो धूम्रपान न करने वाले इंसानों को सिगरेट या बीड़ी के धुंए से ढलती उम्र में गठिया हो सकता है, इसलिए वो स्मोकिंग और इसके धुंए से बचकर रहें।
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गौरतलब है कि रूमेटोइड गठिया वाले कई लोगों के फेफड़ों में सूजन होती है। हालांकि, आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारण भी इस बीमारी को बढ़ाते है, लेकिन धूम्रपान लंबे समय से एक प्रमुख जोखिम कारक के रूप में जाना गया है।
इस स्टडी में मुख्यत: महिलाओं की ही जांच की गई थी, इसलिए विशेषज्ञ आगे और रिसर्च में पुरुषों और महिलाओं दोनों को शामिल करना चाहते है।
उन्हें आशा है कि इससे अन्य रूमेटोइड स्थितियों और ऑटोइम्यून बीमारियों के बारे में सही जानकारी मिल सकती है।
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