Male Infertility Reason: बच्चों की सेहत पर बचपन से ही ध्यान देना चाहिए नहीं तो जवानी में उन्हें कई समस्याएं घेर सकती है।
इस विषय पर हुई इटली की एक यूनिवर्सिटी स्टडी ने लड़कों पर बचपन के मोटापे (Childhood obesity) से गंभीर असर बताया है।
स्टडी ने मोटापा ग्रस्त लड़कों में इनफर्टिलिटी (Infertility) समस्या होने की अधिक संभावना जताई है।
इनफर्टिलिटी यानी बांझपन का मुख्य कारण उनके कम टेस्टिकुलर वॉल्यूम (Testicular volume) से जुड़ा है।
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इटालियन रिसर्चर्स की यह चिंताजनक स्टडी यूरोपियन जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित हुई है।
एक अनुमान के अनुसार, आज के लगभग 60% बच्चे 35 वर्ष की आयु तक मोटापा पीड़ित होंगे।
कम टेस्टिकुलर वॉल्यूम से 18-19 वर्षीय लगभग एक चौथाई लड़कों की फर्टिलिटी खतरे में होने का अंदेशा है।
इसका कारण पर्यावरण के हानिकारक केमिकल्स और ख़राब लाइफस्टाइल कहा गया है।
वर्तमान स्टडी में यूनिवर्सिटी रिसर्चर्स ने 2 से 18 साल के 268 बच्चों एवं किशोरों की स्वास्थ्य जांच की थी।
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उन्होंने भारी शरीर वाले लड़कों की अपेक्षा सामान्य वजन वालों का टेस्टिकुलर वॉल्यूम डेढ़ गुना अधिक पाया।
यही नहीं, सामान्य वजन वाले लड़कों का इंसुलिन ठीक मिलने से भी टेस्टिकुलर वॉल्यूम में दोगुनी वृद्धि थी।
उनकी तुलना में अधिक वजन या मोटापे वाले लड़कों के खून में इंसुलिन का स्तर अधिक पाया गया।
मोटापे के इस दुष्प्रभाव के चलते भारी शरीर के बच्चों एवं किशोरों में टेस्टिकुलर वॉल्यूम कम दिखाई दिया।
चूंकि कम टेस्टिकुलर वॉल्यूम वयस्कता में खराब शुक्राणु उत्पादन का संकेत है, इसलिए वजन घटाने से इनफर्टिलिटी रोकथाम में मदद जानी गई।
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