अधिक वजन (Overweight) और मोटापे (Obesity) की महामारी धीरे-धीरे भारत में भी पैर पसार रही है।
एक स्टडी में भारतीय पुरुषों और महिलाओं में मोटापे के मामले बढ़ने की बात सामने आई है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में ही ऐसे मामले उछाल पर है।
यह नई स्टडी टाटा-कॉर्नेल इंस्टीट्यूट फॉर एग्रीकल्चर एंड न्यूट्रिशन (टीसीआई) के विशेषज्ञों ने की है। नई स्टडी में भारतीयों के मोटापे से जुड़े कारणों पर प्रकाश डाला गया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में अंतिम दशक में 28 करोड़ अतिरिक्त लोगों में मोटापे और इससे संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
- Advertisement -
पहले महिलाओं में वजन बढ़ने के मामलों की दर अधिक रही, जो हाल ही में पुरुषों में भी देखने को मिल रही है।
भारत में हुए तीसरे (2005-06) और चौथे (2015-16) राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण आंकड़ों में 18 से 49 वर्ष के स्त्री-पुरुष मोटापे से ज्यादा ग्रस्त पाए गए है। हालांकि, उनका मोटापा बढ़ाने वाले कारण अलग-अलग मिले है।
विशेषज्ञों ने बढ़ती उम्र और घटते प्रजनन समय (जब एक महिला मां नहीं बन सकती) को महिलाओं में मोटापे का मुख्य कारण बताया है।
पुरुषों में मोटापे की दर टेक्नोलॉजी उपयोग की अधिकता से बढ़ी बताई गई है। चलने-फिरने में वाहनों के अधिकतम इस्तेमाल से उनकी फिजिकल एक्टिविटी कम हुई है। यह असर गांव और शहर के पुरुषों में एकसमान देखने को मिला है।
शहरीकरण और बढ़ती गतिहीन जीवनशैली को मोटापे की दर के बढ़ने का प्रमुख कारण बताया गया है। शहरी पुरुषों में ज्यादा टेलीविजन देखने और धूम्रपान में वृद्धि से मोटापा बढ़ना देखा गया है।
- Advertisement -
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में मोटापे के पीछे प्रजनन समय में कमी मुख्य कारक है, जबकि शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं में उम्र एक बड़ी भूमिका निभाती है।
भले ही पुरुषों में टेक्नोलॉजी का अधिक इस्तेमाल मोटापे की दर में वृद्धि का एक बड़ा कारक रहा है, लेकिन कुछ तकनीकों ने पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित किया है।
महिलाओं की तुलना में पुरुष कार-बाइक ज्यादा चलाते है इसलिए उनका मोटापा ज्यादा बढ़ा, जबकि टेलीविजन देखने में अधिक समय व्यतीत करने से दोनों का वजन प्रभावित हुआ।
स्टडी के नतीजों ने विभिन्न समूहों और समुदायों में इस बीमारी को दूर करने के लिए जरूरी नीतियों और कार्यक्रमों की आवश्यकता बताई है।
इन प्रवृत्तियों के पीछे की परिस्थितियों को समझने से नीति निर्माताओं को यह पहचानने में मदद मिल सकती है कि मोटापे को कम करने के प्रयासों में किन कारकों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
उनके अनुसार, क्योंकि बढ़ती उम्र और घटते प्रजनन समय ने महिलाओं में मोटापा बढ़ाया है, इसलिए रजोनिवृत्ति के बाद और बड़ी उम्र की महिलाओं को स्वास्थ्य और न्यूट्रिशन परामर्श दिया जाना चाहिए।
पुरुषों को शारीरिक गतिविधि और एक्सरसाइज पर जोर देना चाहिए। बच्चों को विशेष रूप से एक्टिव रहने के लिए प्रोत्साहित करने वाले प्रोग्राम लागू किए जाने चाहिए।
जर्नल इकोनॉमिक्स एंड ह्यूमन बायोलॉजी में प्रकाशित स्टडी के नतीजे, देश में भूख, अल्पपोषण और मोटापे को दूर करने के लिए स्वस्थ आहार लेने को महत्वपूर्ण बताते है।
Also Read: जल्दी-जल्दी खाना खाने वाले होते है मोटापे का शिकार