Oral bacteria infection: मसूड़ों की बीमारी और सांसों में बदबू करने वाले बैक्टीरिया से दिल की बीमारी का ख़तरा बढ़ सकता है।
ये चेतावानी दी है स्विट्जरलैंड में हुई एक नई स्टडी के हेल्थ रिसर्चर्स ने।
ईलाइफ जर्नल में प्रकाशित उनकी स्टडी ने कोरोनरी हार्ट डिजीज करने में फुसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम (Fusobacterium nucleatum) जीवाणु की अधिकता या संक्रमण को दोषी पाया है।
कोरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary heart disease) सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है और रोकथाम न होने पर मृत्यु का कारण बन सकती है।
- Advertisement -
इस समस्या की जड़ आर्टरीज़ में प्लाक का बनना है जिसके चलते दिल को खून की सप्लाई बंद हो जाती है। नतीजन, हार्ट अटैक हो सकता है।
इस बारे में रिसर्चर्स को एक स्विस स्टडी में शामिल हुए 3,459 लोगों की आनुवंशिक, सेहत और खून के नमूनों की जांच से पता चला था।
12 वर्ष के दौरान, उन 3,459 इंसानों में से लगभग 6% (210) में हार्ट अटैक या अन्य हानिकारक हृदय-संबंधी घटनाएं देखने को मिली।
उनके ब्लड सैंपल की जांच से मिली एंटीबाडी में F. न्यूक्लियेटम जीवाणु का संक्रमण दिल की बीमारी का थोड़ा अधिक जोख़िम लिए हुए था।
रिसर्च टीम के अनुसार, F. nucleatum मुंह में बैक्टीरिया संक्रमण के कारण बढ़ी हुई सूजन से या आर्टरीज़ में सीधे जमा होकर कार्डियोवैस्कुलर रोग तेज कर सकता है।
- Advertisement -
इसके अलावा, उच्च अनुवांशिक जोखिम वाले इंसानों को भी कोरोनरी हार्ट डिजीज का ख़तरा पाया गया।
टीम ने माना कि यदि भविष्य के अध्ययन F. nucleatum और हार्ट डिजीज के बीच संबंधों की पुष्टि करते है तो दिल के मरीज़ों की नए सिरे से जांच ज़रूरी होगी।
Also Read: वैज्ञानिकों ने खोजा दिल की बीमारी जल्दी लाने वाला अनाज