एक हालिया स्टडी ने मोटापे (Obesity) और इससे जुड़ी समस्याओं से दिमाग (Brain) को नुकसान कहा है।
सिंगापुर की स्टडी में एशियाई लोगों के अधिक विसरल फैट (Visceral fat) से सोचने, सीखने और याददाश्त क्षमता में कमी मिली है।
यह स्टडी वहां की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा की गई है।
स्टडी 30 से 84 वर्ष के लगभग 9,000 बहु-जातीय सिंगापुर वासियों और स्थायी निवासियों के हेल्थ डाटा पर आधारित है।
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यह डाटा साल 2018 और 2021 के बीच सिंगापुर में हुई एक हेल्थ स्टडी से एकत्र किया गया था।
विश्लेषण में, बढ़े हुए विसरल फैट से सोचने, समझने, सीखने, याद करने, निर्णय लेने जैसी मानसिक योग्यताओं में गिरावट मिली है।
बता दें कि विसरल फैट हमारे शरीर में ‘छिपा’ होता है। यह पेट. लिवर, और आँतों के चारों ओर लिपटा रहता है।
इसके अलावा, हाई बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और कमर से कूल्हे तक का अनुपात भी मानसिक योग्यता घटाता है।
आश्चर्यजनक रूप से ब्लड प्रेशर,कोलेस्ट्रॉल, और ग्लूकोज़ लेवल से मानसिक प्रदर्शन पर असर नहीं पाया गया है।
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वैज्ञानिकों के मुताबिक, मोटापा रोकने से ख़राब मानसिक प्रदर्शन और भविष्य के डिमेंशिया रोगियों की संख्या कम हो सकती है।
इस बारे में विस्तारपूर्वक जानने के लिए द लैंसेट रीजनल हेल्थ-वेस्टर्न पैसिफिक जर्नल देखा जा सकता है।
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