Obesity raises gum disease: मोटापे को कई बीमारियों का कारण माना जाता है, लेकिन अब दातों को भी इससे नुकसान बताया गया है।
इस बारे में बफ़ेलो यूनिवर्सिटी की हालिया रिसर्च का दावा है कि मोटापे के कारण शरीर में होने वाली रोगजनक जलन-सूजन हड्डियों के ऊतकों का टूटना बढ़ा सकती है। इससे दांतों को जकड़ कर रखने वाली हड्डी भी कमजोर होती है।
जानवरों पर हुए एक अनुसंधान में वैज्ञानिकों ने पाया कि मोटापे से उन कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है, जो बीमारी के समय इम्यून सिस्टम पर हावी हो जाती है।
ये कोशिकाएं बोन मैरो में पैदा होती है और विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं में विकसित हो जाती है, जिसमें हड्डियों के टिश्यू तोड़ने वाली एक कोशिका भी शामिल है।
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पीरियोडोंटाइटिस (Periodontitis) नामक यह बीमारी मसूड़े का एक गंभीर संक्रमण है, जो दांतों को नुकसान और अन्य गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है। उपचार के बिना, यह दांतों को सहारा देने वाली हड्डी को नष्ट कर सकता है।
अध्ययन में ज्यादा फैट खिलाकर मोटे किए गए चूहों में इस बीमारी की संभावना अधिक पाई गई।
उनके शरीर में जलन-सूजन और संक्रमण करने वाली कोशिकाओं की संख्या, कम फैट खाने वाले चूहों की अपेक्षा बढ़ी हुई थी। नतीजन, मोटे चूहों के दातों की हड्डी कमजोर होने से ज्यादा दांत गिरे। इसके अलावा , हड्डियों के टिश्यू तोड़ने वाले 27 जीन भी मोटे चूहों में ज्यादा विकसित मिले।
जर्नल ऑफ डेंटल रिसर्च में प्रकाशित निष्कर्ष, मोटापे के चलते गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारी विकसित होने के कारणों की स्पष्ट व्याख्या करते है।
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