Obesity in women: महिलाओं में मोटापा आने से कुछ प्रजनन विकारों (Reproductive disorders) का जोखिम बढ़ सकता है, ऐसा एक नए अध्ययन में देखा गया है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों द्वारा किए गए इस अध्ययन में 40 से 69 वर्षीय दो लाख से ज्यादा महिलाओं के स्वास्थ्य और जीन का विश्लेषण किया गया था।
उन्हें प्राप्त निष्कर्ष ये सुझाव देते है कि महिलाओं के कुछ प्रजनन संबंधी विकारों को विकसित करने में मोटापे की अहम भूमिका है।
हालांकि, मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में ये स्वास्थ्य स्थितियां भिन्न हो सकती है।
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मोटापे, मेटाबोलिक सिंड्रोम और महिला प्रजनन विकारों के बीच कारण संबंधों की जांच करने के लिए विशेषज्ञों ने मेंडेलियन रैंडमाइजेशन तकनीक का सहारा लिया था।
इस तकनीक में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े आनुवंशिक पहलुओं का अध्ययन किया जाता है।
इसके बाद विशेषज्ञों ने एंडोमेट्रियोसिस, भारी मासिक धर्म रक्तस्राव, प्री-एक्लेमप्सिया और बांझपन सहित कई महिला प्रजनन स्थितियों के जोखिम के साथ शरीर के विभिन्न हिस्सों पर जमा चर्बी के संबंध का अनुमान लगाया।
उन्होंने मोटापे और महिला प्रजनन विकारों की एक श्रृंखला के बीच ध्यान देने योग्य संबंध पाए। इनमें गर्भाशय फाइब्रॉएड, पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम, भारी मासिक धर्म रक्तस्राव और प्री-एक्लेमप्सिया शामिल थे।
इसके अलावा, मोटापे से जुड़ी कुछ आनुवंशिक भिन्नता भी महिला प्रजनन विकारों के विकास में सहायक पाई गई। हालाँकि, उनकी क्षमता मोटापे के प्रकार और प्रजनन की स्थिति से भिन्न थी।
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पीएलओएस जर्नल में छपे लेख में विशेषज्ञ दल ने महिलाओं के प्रजनन संबंधी विकारों की रोकथाम और उपचार के लिए अधिक वजन और मोटापे के प्रभावों से जुड़े तंत्र का पता लगाने की आवश्यकता बताई है।
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