कोरोना वायरस से प्रभावित मोटे लोगों में कोरोना से होने वाली मौत की सम्भावना बढ़ सकती है।
अमेरिका में हाल ही में हुई एक शोध की माने तो बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और COVID-19 से संक्रमित पुरुष रोगियों में जान जाने के खतरे में विचित्र संबंध पाया गया है।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन द्वारा प्रकाशित, एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन, जर्नल में छपे इस शोध के मुताबिक उच्च BMI होने से कोरोना संक्रमण से प्रभावित छोटे और जवान दोनों तरह के व्यस्क पुरुषों में संक्रमित महिला मरीजों और बूढ़े वयस्कों की तुलना में मृत्यु होने का खतरा ज्यादा था।
इस धारणा को प्रमाणित करने के लिए शोध दल ने 6,900 से अधिक रोगियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का अध्ययन किया जिनका कोरोना संक्रमण का इलाज केसर परमानेंट साउथ कैलिफ़ोर्निया हेल्थ केयर सिस्टम में हुआ था।
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मोटापे के जोखिम को सामान्य बिमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हार्ट फेल, हार्ट अटैक और पुरानी फेफड़ों या गुर्दे की बीमारियों की तरह ही कोरोना के जोखिम को बढ़ने वाले कारणों की तरह से देखा गया।
जब मरीजों को कोरोना वायरस का पता चला तो इस अध्ययन को भी ध्यान में रखा गया था। तब उन्होंने पाया था कि सबसे ज्यादा वजन वाले मरीजों के समूह को कोरोना से 21 दिनों में ही मर जाने का खतरा चार गुना ज्यादा था, बजाए उन मरीजों के जिनका वजन सामान्य था।
खोज ने यह प्रमाणित किया कि 60 से कम उम्र के लोग, जिनका वजन ज्यादा था, उनकी मौत होने का खतरा ज्यादा था।
शोध से साबित होता है कि गंभीर Covid-19 रोग के लिए मोटापा स्वतंत्र रूप से जोखिम कारक है और यह जोखिम युवा रोगियों को महिलाओं की अपेक्षा अधिक प्रभावित कर सकता है।
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