Obesity increases frailty: एक हालिया स्टडी में जवानी से ही वज़न कंट्रोल रखने की अहमियत पर ज़ोर दिया गया है।
लापरवाही से मोटापा (Obesity) और कमर का साइज़ (Waist circumference) बढ़ता है जिससे सभी पुरुष और महिलाएं वृद्धावस्था में शारीरिक कमजोरी (Frailty) के शिकार हो सकते है।
यह जानकारी जर्नल बीएमजे ओपन में प्रकाशित 21 साल तक चली नॉर्वे की एक स्टडी से मिली है।
स्टडी में 40 के बाद बढ़े हुए मोटापे से लोगों में बुढ़ापा आते-आते शारीरिक कमज़ोरी की संभावना अधिक पाई गई है।
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बचाव के लिए जवानी में ही शरीर को स्वस्थ और फिट रखने की सलाह दी गई है।
बता दें कि शारीरिक कमज़ोरी या इसकी शुरुआत वजन घटने-बढ़ने; थकावट; कमजोर पकड़; धीमी चाल, और कम फिजिकल एक्टिविटी से होती है।
समस्या जड़ पकड़ने पर गिरने, अक्षमता, अस्पताल में भर्ती होने, ख़राब जीवन गुणवत्ता और मृत्यु की चपेट में आने का डर रहता है।
सबूत बताते है कि यह समस्या मोटापा ग्रस्त वृद्ध वयस्कों में बढ़ सकती है।
मोटापा मांसपेशियों की ताकत, एरोबिक क्षमता और शारीरिक कार्य में उम्र संबंधित गिरावट बढ़ाता है।
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इसलिए नॉर्वे के विशेषज्ञों ने अधिक वज़न और बढ़ी हुई तोंद वालों को ख़ास तौर पर सतर्क रहने के लिए कहा है।
ज़्यादा जानकारी नॉर्वे की एक पुरानी स्टडी में शामिल 45,000 निवासियों के सात सर्वेक्षणों से प्राप्त डाटा से मिली है।
इसमें 45 से 51 वर्षीय 4509 पुरुषों और महिलाओं में अधिक बीएमआई और पेट के मोटापे से वृद्धावस्था में कमज़ोरी आने का जोखिम गहराता मिला।
यह देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पूरे वयस्क जीवन में बीएमआई और कमर का साइज़ सामान्य बनाए रखना ज़रूरी बताया है।
दरअसल शरीर में हानिकारक चर्बी बढ़ने से स्वास्थ्य समस्याएं पनपने लगती है।
साथ ही, एक्सरसाइज ने करने से मांसपेशियों और हड्डियों की ताक़त भी घटने लगती है।
ऐसी दिक्कतों से उम्र बढ़ने पर शरीर में कमज़ोरी आना लाज़मी है।
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