अमेरिकी मेडिकल रिसर्चर्स ने शराब न पीने के बावजूद लिवर में असामान्य रूप से फैट जमा होने पर हार्ट फेलियर ?(Heart Failure) का ख़तरा बताया है।
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (Non alcoholic fatty liver disease- NAFLD) के रूप में जानी जाने वाली यह स्थिति लिवर को ख़त्म कर सकती है।
इसके अलावा, एथेरोस्क्लेरोसिस रोग होने का जोखिम भी बना रहता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस ऐसा रोग है, जिसमें धमनियों के अंदर ‘प्लाक’ बनने लगता है। इस अवस्था में दिल तक ख़ून नहीं पहुंच पाता है।
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यह जानकारी रिसर्चर्स ने NAFLD पीड़ित 38 लाख से अधिक वयस्कों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण डेटा की जांच के बाद दी है।
उस डेटा में लगभग 400,000 ऐसे भी थे जिन्हें हार्ट फेलियर झेलना पड़ा था।
NAFLD ग्रस्त पुरुष बुजुर्ग, डायबिटीज या कोरोनरी हार्ट रोग से पीड़ित थे। ऐसे पुरुषों में हार्ट फेलियर का जोख़िम अधिक पाया गया था।
लेकिन उम्र, जाति और लिंग ध्यान में रखे बिना भी NAFLD ग्रस्त इंसानों में बिना NAFLD वालों की अपेक्षा हार्ट फेलियर होने की संभावना 3.5 गुना अधिक थी।
यह देखते हुए रिसर्चर्स ने कार्डियक फंक्शन के साथ-साथ फैटी लिवर की बीमारी जानने की भी ज़रूरत कही है।
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बता दें कि NAFLD करने में मोटापा, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल अक्सर प्रमुख भूमिका निभाते है।
NAFLD लिवर के सिरोसिस, लिवर फेलियर और लिवर कैंसर के बढ़ते जोखिम से भी जुड़ा हुआ है।
यह बीमारी सामान्य आबादी में बहुत आम है। इसका पता लगाना और जल्द इलाज महत्वपूर्ण है।
बचाव में स्वस्थ वजन, आहार, एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद, धूम्रपान न करने सहित हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल और शुगर नियंत्रित रखने की सलाह दी गई है।
हालांकि, इस समस्या से दिल पर होने वाले दुष्प्रभावों को जानने के लिए अभी और खोज करना बाक़ी है।
ज़्यादा जानकारी अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल सर्कुलेशन से प्राप्त की जा सकती है।