COVID-19 वैक्सीन का अंतिम टीका लगवाने वाले 28 दिनों तक रक्तदान नहीं कर सकते, ऐसा राष्ट्रीय रक्त आधान परिषद (National Blood Transfusion Council – NBTC) ने आदेश दिया है।
यह आदेश 5 मार्च 2021 को जारी किया गया था।
भारत में टीकाकरण अभियान इसी साल 16 जनवरी को स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ शुरू किया गया था और उनके बाद 2 फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण हुआ।
COVID-19 टीकाकरण का अगला चरण 60 वर्ष से अधिक आयु और 45 वर्ष या उससे अधिक आयु के एक से अधिक बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के लिए 1 मार्च 2021 से शुरू हुआ।
- Advertisement -
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि NBTC देश की एक केंद्रीय निकाय है जो राज्य रक्त आधान परिषदों ( State Blood Transfusion Councils – SBTC) के साथ मिलकर कार्य करता है और रक्त संचार सेवा (Blood Transfusion Services – BTS) से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए अन्य मंत्रालयों और स्वास्थ्य कार्यक्रमों का शामिल होना भी सुनिश्चित करता है।
राष्ट्रीय अखबारों में छपी खबरों के अनुसार, रक्त द्वारा किसी भी तरह का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए NBTC ने पिछले साल की कोरोना महामारी के बाद शुरू हुई COVID-19 वैक्सीन के लिए एक मानदंड निर्धारित करते हुए निर्देश दिया है कि किसी भी तरह की वैक्सीन की अंतिम खुराक मिलने के 28 दिनों बाद तक रक्तदान न करें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, टीकाकरण अनुसूची को पूरा करने के लिए टीकों की दो खुराक को 28 दिनों का अंतराल रखते हुए लिया जाना चाहिए।
ऐसा माना जा रहा है कि दूसरी खुराक लेने के दो सप्ताह बाद शरीर में एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर विकसित होता है।
इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष या स्त्री रक्तदाता अब पहली वैक्सीन लगने के बाद से लगभग दो महीने (56 दिन) तक किसी को भी अपना रक्त नहीं दे सकता।
- Advertisement -
हालांकि, रक्दान से जुड़ी कई संस्थाओं ने यह कहते हुए आदेश पर सवाल उठाया है कि महामारी में पहले ही बहुत कम रक्तदाताओं के आगे न आने से सभी राज्यों के ब्लड बैंक बुरी तरह प्रभावित है। ऐसे में ये आदेश इस गंभीर स्थिति को बदतर बना सकता है।
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ़ ब्लड बैंक्स का हवाला देते हुए उनका कहना है कि रूप न बदलने वाले, निष्क्रिय और mRNA टीकाकरण से गुजरने वालों को किसी प्रतीक्षा अवधि की आवश्यकता नहीं है, सिवाय उनके जिन्हें एक कमजोर लेकिन बीमारी पैदा कर सकने वाले वायरल कोरोना वैक्सीन की जरूरत है।
ऐसे प्रभावितों को 14 दिनों तक रुकने की आवश्यकता कही गई है। लेकिन कोविशिल्ड (Covishield) और कोवाक्सिन (Covaxin) इस तरह की वैक्सीन नहीं है।
इसलिए उनका अनुरोध है कि निकाय को अपने फैसले के बारे में पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि इससे दानकर्ता रक्तदान के प्रति असंवेदनशील हो जाएंगे।
ALSO READ: क्या नए कोरोना वेरिएंट्स से बचाने में नाकाम रहेंगी सभी वैक्सीन?