एक हालिया अध्ययन में ज़्यादा दूध पीने वाले पुरुषों को अन्यों के मुक़ाबले प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) का ख़तरा अधिक बताया गया।
हैरानी की बात रही कि दूध का कम या न के बराबर इस्तेमाल करने वालों में इस कैंसर का ख़तरा नहीं देखा गया।
अध्ययन में विशेषज्ञों ने प्रतिदिन लगभग 430 ग्राम दूध पीने वाले पुरुषों को 20 ग्राम वालों के मुक़ाबले प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 25% अधिक पाया।
प्रतिदिन लगभग 430 ग्राम दूध लेने वाले पुरुषों को डेयरी सेवन न करने वालों की तुलना में कैंसर-जोख़िम अत्यधिक था।
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यह जोख़िम फुल फैट या बिना फैट वाले दूध की तुलना करते समय बहुत मामूली-सा था।
हालांकि, पनीर और दही लेने से कैंसर का कोई लिंक नहीं पाया गया।
विशेषज्ञों ने प्रतिदिन लगभग दो-तिहाई कप (150 ग्राम) दूध लेते रहने के बाद इस कैंसर की शुरुआत बताई।
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित अध्ययन में, डेयरी प्रोडक्ट्स खाने वाले 28,000 से अधिक उत्तरी अमेरिकी पुरुषों को जांचा गया था।
अध्ययन की शुरुआत में किसी को भी प्रोस्टेट कैंसर नहीं था। लेकिन लगभग आठ वर्षों के बाद, उनमें से 1,254 में प्रोस्टेट कैंसर के नए मामले पता चले।
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विशेषज्ञों ने प्रोस्टेट कैंसर के पीछे दूध देने वाले जानवरों के हॉर्मोन को दोषी बताया।
जानवरों के हॉर्मोन संभवत: इंसानी हार्मोन प्रभावित करके इस कैंसर सहित अन्य कैंसरों को भी बढ़ावा देते है।
उन्होंने प्रोस्टेट कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाले पुरुषों को दूध उपभोग के बारे में ज़्यादा सतर्क किया।
ऐसे पुरुषों को सोया, ओट्स, काजू और दूध के अन्य विकल्पों को लेने की सलाह दी गई।
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