शरीर में मौजूद अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL Cholesterol) से दिल के अलावा लिवर (Liver) को भी फायदा हो सकता है, यह कहना है वैज्ञानिकों का।
सेंट लुइस स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की नई रिसर्च में लिवर को बीमारी (Liver disease) या क्षति होने से बचाने में एक नए प्रकार के हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) की भूमिका का पता चला है।
यह एचडीएल आंत बैक्टीरिया (Gut bacteria) द्वारा की जाने वाली सूजन को रोककर लिवर की रक्षा करता है।
एचडीएल शरीर के कोलेस्ट्रॉल को हटाने के लिए लिवर का इस्तेमाल करता है। लेकिन रिसर्च में वैज्ञानिकों ने एचडीएल 3 (HDL3) नामक एक विशेष प्रकार के कोलेस्ट्रॉल की पहचान की, जो आंत में बनता है।
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यह एचडीएल लिवर में सूजन करने वाले बैक्टीरिया के प्रयासों को रोकता है।
इसके न होने पर ये बैक्टीरिया आंत से लिवर तक जाकर उस अंग को क्षतिग्रस्त कर देते है।
रिसर्च ने बताया है कि इस विशेष एचडीएल के स्तर को आंत में बढ़ाने से फैटी लीवर और लिवर फाइब्रोसिस (Liver fibrosis) सहित अन्य लिवर रोगों से बचाव हो सकता है।
चूहों पर हुए कुछ प्रयोग इस खोज की सच्चाई को साबित करते है।
वैज्ञानिकों ने उनकी आंत में एचडीएल 3 कोलेस्ट्रॉल कम होने पर लीवर की सेहत खराब होते देखी।
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ऐसे दुष्प्रभाव को कम करने के लिए उन्होंने एक दवा का उपयोग किया और पाया कि यह लीवर की विभिन्न प्रकार की क्षति के खिलाफ सुरक्षात्मक है।
हालांकि, अभी यह केमिकल केवल जानवरों पर प्रयोग करने के लिए ही उपलब्ध है।
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इंसानों के लिवर को भी एचडीएल 3 कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से फायदा हो सकता है।
साइंस जर्नल में प्रकाशित हुए रिसर्च के नतीजों से लीवर की बीमारी के इलाज या रोकथाम के लिए नए उपायों का पता चलता है।