बढ़ती तोंद और शरीर के आंतरिक अंगों पर जमा होती अत्याधिक चर्बी (Fat) दिल की बीमारी (Heart Disease) के खतरे को बढ़ा देते है।
ऐसी समस्या उन लोगों के सामने भी आ सकती है, जिनका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) एक स्वस्थ वजन सीमा के भीतर हो।
ऐसी आशंका अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा जारी एक नए वैज्ञानिक बयान में जताई गयी, जो सर्कुलेशन पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
कमर का बढ़ता घेरा दिल और इससे संबंधित बीमारियों को कैसे प्रभावित करता है, विशेषज्ञों ने इस पर हुई रिसर्च को संक्षेप में प्रस्तुत किया।
- Advertisement -
उनके अनुसार, पेट का मोटापा जानने के लिए कमर के घेरे को नियमित रूप से मापा जाना चाहिए, क्योंकि इससे ही हृदय रोग के जोखिम में वृद्धि की संभावित चेतावनी मिल सकती है।
विश्लेषण करने वाले विशेषज्ञों ने मोटापे (Obesity) को पूरे विश्व पर हृदय रोग और कई गंभीर बीमारियों के बोझ में इजाफा करने वाली महामारी बताया।
पेट के आसपास बढ़ता मोटापा लिवर के चारों तरफ चर्बी जमा करना शुरू कर देता है, जिससे अक्सर हृदय रोग को बढ़ाने वाला गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (non-alcoholic fatty liver disease) हो जाता है।
पेट की बढ़ी हुई चर्बी और दिल पर हुए असर को देखने वाले कई अध्ययनों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि शरीर के अंदरूनी अंगों पर चढ़ती चर्बी (Visceral Fat) किसी के भी स्वास्थ्य को चौपट कर सकती है।
विशेषज्ञों ने बढ़ती तोंद और शरीर के बीच स्थित अंगों के आसपास जरा-सी भी चर्बी चढ़ने को हल्के हृदय रोग (Cardiovascular Disease) के जोखिमों का संकेत कहा।
- Advertisement -
ऐसे बयान के लिए विशेषज्ञों द्वारा मोटापे, विशेष रूप से पेट पर चढ़ती चर्बी और उपचार पर हुई रिसर्च का मूल्यांकन किया गया।
उनका कहना था कि कैलोरी कम करने और एरोबिक एक्सरसाइज से पेट की चर्बी कम करने में फायदे देखा गया।
एक्सरसाइज और खान-पान में परिवर्तन दोनों से ही वजन कम किए बिना भी मोटापा कम करना संभव है।
हालांकि, जीवनशैली में बदलाव लाने वाले कार्यक्रमों से दिल का दौरा या सीने में दर्द जैसी कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary artery disease) में कमी नहीं देखी गई।
इसके विपरीत, वजन घटाने के लिए करवाई गई बेरिएट्रिक सर्जरी (bariatric surgery) से दिल की बीमारियों के जोखिम में कमी आई। ऐसा अत्यधिक वजन घटने और मेटाबॉलिज्म में सुधार से संभव हो सका।
विशेषज्ञों ने देखा कि अधिक वजन या मोटापे वालों की अक्सर स्वस्थ वजन वालों की तुलना में हृदय रोग के लिए पहले जांच की गई। ऐसा करने से उनकी बीमारी की पहचान और उपचार जल्दी संभव हुआ।
उनकी समीक्षा के परिणामों ने वजन नियंत्रण के साथ-साथ आहार परिवर्तन द्वारा आजीवन रोग-मुक्त हृदय बनाए रखने को अति महत्वपूर्ण उपचार बताया।