Mobile phone calls side effects: मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल से कई मानसिक समस्याओं का विकास होता है।
लेकिन एक नई स्टडी ने मोबाइल पर बात करने से हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) होने की आशंका जताई है।
चीन के विशेषज्ञों की यह स्टडी हाल ही में यूरोपियन हार्ट जर्नल-डिजिटल हेल्थ में प्रकाशित हुई है।
स्टडी ने मोबाइल पर हर हफ़्ते 30 मिनट या अधिक देर बातचीत से हाई बीपी का खतरा 12% बढ़ता पाया है।
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अनुमान के मुताबिक़, दुनिया की 10 वर्ष से अधिक आयु की लगभग तीन-चौथाई आबादी के पास मोबाइल फ़ोन है।
यही नहीं, विश्व भर में 30 से 79 वर्ष के लगभग एक अरब से ज़्यादा इंसान हाई बीपी के शिकार है।
हाई बीपी से दिल के दौरे और स्ट्रोक का ज़्यादा ख़तरा है। यह विश्व स्तर पर अकाल मृत्यु का एक प्रमुख कारण है।
मोबाइल फ़ोन से कम स्तर की रेडियोफ्रीक्वेंसी एनर्जी निकलती है। इसके थोड़ी देर रहने से ही ब्लड प्रेशर में वृद्धि होने लगती है।
ताज़ा जानकारी यूके बायोबैंक डाटा से मिली है। इसमें बिना बीपी के 37 से 73 वर्ष वाले कुल 212,046 वयस्कों शामिल थे।
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विशेषज्ञों द्वारा उनकी मोबाइल फ़ोन पर कॉल करने, सुनने और अन्य उपयोग संबंधित जानकारी एकत्रित की गई।
12 वर्षों तक चली स्टडी के दौरान, 13,984 इंसानों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या विकसित हुई।
मोबाइल पर प्रति सप्ताह 30 मिनट से कम बतियाने वालों की अपेक्षा अधिक देर बात करने वालों में हाई बीपी की संभावना 12% अधिक थी।
हर हफ़्ते 30 से 59 मिनट, 1 से 3 घंटे, 4 से 6 घंटे और 6 घंटे से अधिक मोबाइल इस्तेमाल पर हाई बीपी का ख़तरा क्रमशः 8%, 13%, 16% और 25% तक देखा गया।
हालांकि, हैंड्स-फ्री डिवाइस/स्पीकरफोन के उपयोग से हाई बीपी के विकास का महत्वपूर्ण संबंध नहीं पाया गया।
हफ़्ते में कम से कम 30 मिनट मोबाइल पर बतियाने से उच्च आनुवंशिक जोखिम वालों में हाई बीपी की संभावना सबसे अधिक थी।
विशेषज्ञों की राय में, साप्ताहिक कॉल का समय आधे घंटे से कम रखने पर मोबाइल हाई बीपी विकास को प्रभावित नहीं करता है।
परिणामों की सटीकता के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है, लेकिन तब तक दिल की सेहत के लिए मोबाइल कॉल कम रखना समझदारी है।