सूरज से मिलने वाली धूप हमारी सेहत के लिए कितनी जरूरी है, यह एक साइंस पत्रिका में प्रकशित नए अध्ययन से पता चला है।
अध्ययन के अनुसार, धूप कम लेने वालों में कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) का खतरा बढ़ सकता है। ऐसा कम यूवीबी किरणों (ultraviolet B -UVB light) के कारण संभव है।
कोलोरेक्टल कैंसर पेट से जुड़ी हुई एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है।
वैज्ञानिकों को यह महत्वपूर्ण जानकारी 186 देशों से मिले आंकड़ों की जांच के बाद मिली, ऐसा बीएमसी पब्लिक हेल्थ पत्रिका के एक लेख में कहा गया है।
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संयुक्त राज्य के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में कार्यरत वैज्ञानिकों ने वर्ष 2017 में दुनिया भर के यूवीबी प्रकाश स्तर और वर्ष 2018 में विभिन्न देशों के निवासियों में कोलोरेक्टल कैंसर होने की जांच की थी।
कम यूवीबी वाले देशों में नॉर्वे, डेनमार्क और कनाडा शामिल रहे, जबकि उच्च यूवीबी वाले देशों में संयुक्त अरब अमीरात, सूडान, नाइजीरिया और भारत देश थे।
बता दें कि यूवीबी किरणें सूरज की रोशनी का एक हिस्सा है, जिनके अधिक सम्पर्क में आने पर त्वचा को नुकसान हो सकता है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि अध्ययन में शामिल 186 देशों के नवजात से लेकर 75 वर्ष से अधिक आयु तक के इंसानों में कम यूवीबी स्तर से कोलोरेक्टल कैंसर होने का ज्यादा खतरा था, खासकर 45 वर्ष से अधिक आयु वालों को।
उन्होंने माना कि कम यूवीबी संपर्क के चलते विटामिन डी का स्तर गिर सकता है। इस विटामिन की कमी पहले से ही कोलोरेक्टल कैंसर के बढ़ते जोखिम से जुड़ी हुई है।
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हालांकि यह अध्ययन अभी शुरूआती स्टेज में है, लेकिन वैज्ञानिकों की सलाह है कि बढ़ती उम्र के इंसान विटामिन डी की कमी दूर करके कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को कम कर सकते है।
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