Stress Management: जीवन में थोड़ा-सा तनावपूर्ण समय हमारे लिए अच्छा है, ये निष्कर्ष निकाला है जॉर्जिया यूनिवर्सिटी की स्टडी ने।
इस नई स्टडी में देखा गया है कि कम से मध्यम स्तर का तनाव (Stress) याददाश्त (Memory) में सुधार कर सकता है।
इस तरह के तनाव को लोग रोज़मर्रा के कार्यों को पूरा करने में उपयोग करते है।
उदाहरण के रूप में किसी का फ़ोन नंबर सोचना, किसी विशिष्ट स्थान पर कैसे पहुंचे या कुछ दिशाओं को याद रखना।
- Advertisement -
हालांकि, ऐसे तनाव का स्तर बर्दाश्त से बाहर होने पर विषाक्त हो जाता है।
लगातार अधिक समय तक रहने वाला तनाव मस्तिष्क की संरचना को बदल सकता है।
ऐसे में दिमाग का ग्रे मैटर घटने लगता है जबकि व्हाइट मैटर बढ़ता जाता है।
बता दें कि ग्रे मैटर निर्णय लेने से लेकर मांसपेशियों, भावनाओं और आत्म- नियंत्रण सहित अन्य कार्यों में शामिल है।
तनाव अधिक रहने से लोगों को माइग्रेन से लेकर हाई बीपी और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का ख़तरा हो सकता है।
- Advertisement -
निष्कर्ष बताते है कि कुछ देर का तनाव दिमाग की कामकाजी कुशलता को उत्तेजित करता है। परिणामस्वरूप, मानसिक प्रदर्शन बेहतर होता है।
सीमित समय के तनाव से लोगों की भविष्य में तनावपूर्ण स्थितियों का सामना करने की क्षमता भी मजबूत हो सकती है।
वर्तमान स्टडी में एमआरआई द्वारा कम से मध्यम स्तर के तनाव का दिमाग पर असर जाना गया है।
इस प्रकार का तनाव दैनिक याददाश्त को नियंत्रित करने वाले हिस्सों को ज़बरदस्त ढंग से तेज रखता है।
विभिन्न नस्लीय और जातीय पृष्ठभूमि के 1,000 से अधिक लोगों के एमआरआई स्कैन में सीमित तनाव दिमाग की कामकाजी स्मृति में वृद्धि करते मिला।
जबकि अधिक तनाव का अनुभव करने वाले इंसानों की याददाश्त से जुड़े क्षेत्रों में गिरावट देखी गई।
इसके अलावा, तनाव के समय परिवारों और दोस्तों का सहारा पाने वाले विषम परिस्थिति का सामना करने में अधिक सक्षम दिखाई दिए।
न्यूरोसाइकोलॉजी में प्रकाशित स्टडी बताती है कि यदि आपके पास एक सहायक समुदाय या परिवार है तो आप अधिक तनावपूर्ण स्थिति भी आराम से झेल सकते है।
Also Read: हमेशा जवान बने रहना है तो जरूर अपनाएं ये फार्मूला