Air Pollution Effect: वायु प्रदूषण के संपर्क में लंबे समय तक रहने से किडनी की बीमारी (Kidney disease) होने का खतरा बढ़ सकता है, ऐसा एक नई स्टडी का कहना है।
वैसे तो आनुवंशिक (Genetic) और पर्यावरणीय दोनों कारण क्रोनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease) में योगदान करते है, लेकिन शोधकर्ताओं को दूषित हवा (Polluted air) का दुष्प्रभाव ज़्यादा मिला है।
अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी में प्रकाशित स्टडी की मानें तो आनुवंशिक कारण कम होने पर भी दूषित हवा में रहने से किडनी रोग हो सकता है।
इस बारे में जानकारी जुटाने के लिए कोरिया की सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा यूके बायोबैंक हेल्थ डाटा का उपयोग किया गया था।
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टीम ने बिना क्रोनिक किडनी डिजीज वाले 350,994 पुरुषों और महिलाओं के हेल्थ रिकॉर्ड का लंबे समय तक विश्लेषण किया।
पाया गया कि अधिक सघन वायु प्रदूषकों के संपर्क में ज़्यादा समय रहने से क्रोनिक किडनी डिजीज विकसित होने का उच्च जोखिम था।
यह जोखिम उच्च आनुवंशिक वाले मनुष्यों की तुलना में उच्च वायु प्रदूषण में रह रहे कम आनुवंशिक जोखिम वालों को अधिक जाना गया।
नतीजों में अति सूक्ष्म वायु प्रदूषकों जैसे पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) की गहनता लोगों के स्वास्थ्य पर अत्यधिक हानिकारक पाई गई।
इसे देखते हुए विशेषज्ञों ने लंबे समय से दूषित हवा के क्षेत्रों में रहने वालों को क्रोनिक किडनी डिजीज का खतरा बताया है।
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