यूएस रिसर्चर्स ने टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को अकेलेपन (Loneliness) से बचने की सलाह दी है।
उनकी नई स्टडी ने डायबिटीज वालों को अकेलेपन से हृदय रोग (Cardiovascular disease) की संभावना जताई है।
मरीज़ों के दिल पर अकेलापन स्मोकिंग, डिप्रेशन, गलत आहार और एक्सरसाइज कमी से भी भारी मिला है।
यह चौंकाने वाली जानकारी यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की एक पत्रिका में छपी है।
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गंभीरता को देखते हुए अकेले रहने वाले डायबिटीज मरीज़ों को लोगों से मेलजोल रखने की सलाह दी गई है।
अकेलेपन व सामाजिक अलगाव में कोरोना महामारी और निरंतर बढ़ते डिजिटलीकरण से ज़्यादा वृद्धि हुई है।
इस स्टडी में यूके बायोबैंक के 37 से 73 वर्षीय 18,509 वयस्कों को शामिल किया गया था।
स्टडी की शरुआत में उन्हें टाइप 2 डायबिटीज की समस्या तो थी लेकिन कोई दिल का रोग नहीं था।
उनके जीवन-संबंधी सर्वेक्षण के आधार पर अकेलेपन और सामाजिक अलग-थलग की स्थिति देखी गई।
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लगभग साढ़े 10 वर्षों तक चली छानबीन के दौरान, डायबिटीज ग्रस्त 3,247 मरीज़ों को हृदय रोग हुआ।
उनमें से 2,771 को कोरोनरी हार्ट डिजीज, 701 को स्ट्रोक और कुछ को दोनों ही समस्याएं थी।
ज़्यादा अकेले रहे डायबिटीज मरीज़ों को कम वालों की अपेक्षा दिल की बीमारियो का खतरा अधिक (11 से 26%) था।
हालांकि, अकेलेपन से स्ट्रोक और सामाजिक अलगाव से किसी भी हृदय रोग का ख़तरा देखने को नहीं मिला।
मरीज़ों के दिल को खराब किडनी, हाई कोलेस्ट्रॉल व अधिक बीएमआई की तुलना में अकेलेपन से कम खतरा था।
लेकिन डिप्रेशन, स्मोकिंग, कम एक्सरसाइज और खराब भोजन के मुक़ाबले अकेलापन ज़्यादा भारी पड़ता जाना गया।
विशेषज्ञों ने डायबिटीज रोगियों के इलाज में अकेलेपन की स्थिति पर भी ध्यान देने की सिफारिश की है।