दिल की बीमारियों और तेजी से बुढ़ापा लाने में अकेलापन (Loneliness) का योगदान जानने के बाद वैज्ञानिकों ने एक और चौंकाने वाला ख़ुलासा किया है।
वेस्टर्न नॉर्वे यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज के वैज्ञानिकों ने अकेलेपन की भावना (Loneliness feeling) को टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) विकसित करने के ज़ोरदार ख़तरे से जुड़ा पाया है।
हालांकि, इस ज़ोखिम के पीछे छिपे सटीक कारणों को अभी फ़िलहाल समझा नहीं जा सका है।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अकेलेपन से उपजा तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का ऊंचा स्तर अस्थायी तौर पर इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance) की समस्या पैदा करता है। इस स्थिति से डायबिटीज विकसित होने का ख़तरा बढ़ता है।
- Advertisement -
इसके अतिरिक्त, तनाव और अकेलेपन को मिटाने के लिए दिमाग़ में अधिक कार्बोहाइड्रेट खाने की इच्छा बढ़ती है जो बाद में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा देती है।
पुख़्ता जानकारी के लिए वैज्ञानिकों ने वर्ष 1984 से 2019 तक हुए चार जनसंख्या सर्वेक्षणों से प्राप्त 230,000 से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जानकारी का उपयोग किया।
1995 से 2019 तक चली स्टडी के दौरान चुने गए 24,024 लोगों में से 1,179 को टाइप 2 डायबिटीज की समस्या हुई। उनमें से ज़्यादातर 48 वर्षीय शादीशुदा पुरुष थे।
13% वयस्कों ने अकेलेपन की भावनाओं से ग्रस्त होने की सूचना दी।
विश्लेषण में पाया गया कि 20 साल बाद मापे जाने पर अकेलेपन का उच्च स्तर डायबिटीज के ख़तरे को बढ़ाने में मजबूती से जुड़ा था।
- Advertisement -
यही नहीं, जिन लोगों ने अत्यधिक अकेलापन महसूस किया था, उनमें डायबिटीज विकसित होने की संभावना अकेलापन महसूस नहीं करने वालों की अपेक्षा दोगुनी थी।
वैज्ञानिकों ने अकेलेपन से प्रभावित डायबिटीज की रोकथाम के लिए दोस्तों, रिश्तेदारों और सामाजिक मेलजोल को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बताया।
डायबिटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित स्टडी ने डायबिटीज से संबंधित डॉक्टरी परामर्श के दौरान अकेलेपन की जांच भी शामिल करने की सिफारिश की है।
Also Read: अकेलापन और उदासी लाते है समय से पहले बुढ़ापा: स्टडी