Link between high blood pressure and diabetes: एक हालिया रिसर्च में वैज्ञानिकों के एक अंतर्राष्ट्रीय दल ने हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के बीच संबंध खोज निकाला है।
इस विषय में काफी समय से चल रही खोज को ब्रिस्टल और ऑकलैंड के विश्वविद्यालयों के अलावा ब्राजील, जर्मनी, लिथुआनिया और सर्बिया के वैज्ञानिकों का भी सहयोग मिला है।
सभी के मन में यही कौतूहल था कि आख़िरकार हाई बीपी या हाइपरटेंशन से पीड़ित रोगियों को डायबिटीज क्यों हो जाती है?
उनकी महत्वपूर्ण नई खोज में एक छोटा प्रोटीन Glucagon-like peptide-1 (जीएलपी-1) शरीर के ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर के नियंत्रण को आपस में जोड़ता हुआ मिला है।
दरअसल जीएलपी-1 खाने के बाद आंत से उत्पन्न होता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन को उत्तेजित करता है। लेकिन इसके अलावा जीएलपी-1 गर्दन में स्थित कैरोटिड बॉडी (Carotid body) नामक एक छोटे से सेंसरी रिसेप्टर को भी उत्तेजित करता है।
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चूहों में हुई खोजबीन से वैज्ञानिकों को पता चला कि जीएलपी -1 को महसूस करने वाला रिसेप्टर कैरोटिड बॉडी में स्थित है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, कैरोटिड बॉडी ही वो केंद्र बिंदु है जहां जीएलपी -1 ब्लड शुगर और प्रेशर दोनों को एक साथ नियंत्रित करने का कार्य करता है। इसका तालमेल कैरोटिड बॉडी के प्रभाव में आने से नर्वस सिस्टम द्वारा आयोजित होता है।
हाई बीपी और डायबिटीज के मरीजों को हृदय रोग होने का खतरा भी अधिक देखा गया है।
दवा लेने के बाद भी यह ज्यादातर मरीजों के लिए जानलेवा बना रहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकांश दवाएं हाई बीपी और शुगर के कारणों की बजाए केवल लक्षणों का इलाज करती है।
ऐसे में वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि जीएलपी-1 रिसेप्टर को लक्षित करने वाली दवाएं देकर दोनों समस्याओं को एक साथ कम किया जा सकता है। फलस्वरूप, हृदय संबंधी जोखिम में भी कमी आएगी।
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सर्कुलेशन रिसर्च में ऑनलाइन प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, मनुष्यों में इन नतीजों के इस्तेमाल से अधिक गंभीर रोगियों को अब सर्वोत्तम उपचार प्राप्त हो सकेगा।
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