रात को किसी भी मात्रा की कृत्रिम रोशनी में सोने से मोटापे, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है, ऐसा एक नई स्टडी का कहना है।
अमेरिका स्थित नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में बुजुर्गों के लिए नींद के दौरान प्रकाश के संपर्क में आना मोटापे, डायबिटीज, हाई बीपी से जुड़ा बताया गया है।
स्टडी में रात को कम या ज्यादा कृत्रिम रोशनी में सोने वाले 63 से 84 वर्ष की आयु के वृद्ध पुरुषों और महिलाओं में मोटापे की संभावना काफी अधिक थी।
साथ ही, ऐसे इंसानों को रात के समय अंधेरे में सोने वाले अन्य वयस्कों की तुलना में हाई बीपी और डायबिटीज की समस्या भी थी।
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स्टडी में शामिल बुजुर्गों का लाइट एक्सपोज़र एक हफ्ते तक कलाई में पहने गए डिवाइस से मापा गया था।
स्टडी से पता चला है कि रात में किसी भी तरह की रोशनी में सोने से वृद्धों में मोटापे, हाइपरटेंशन और डायबिटीज का जोख़िम बढ़ने लगता है।
क्योंकि यह स्टडी प्राप्त आंकड़ों के आधार पर थी इसलिए जांचकर्ताओं को यह पता नहीं लग पाया कि क्या मोटापा, डायबिटीज और हाइपरटेंशन रात को रोशनी में सोने से होता है या कृत्रिम प्रकाश इन समस्याओं के विकास में योगदान देता है।
स्टडी करने वाले विशेषज्ञों के अनुसार, स्मार्टफोन, रात भर टीवी ऑन छोड़ना या बड़े शहरों की तेज रोशनी आदि – प्रकाश के ऐसे कृत्रिम स्रोतों में 24 घंटे रहना नुकसानदेह है। लोगों के लिए यह ज़रूरी है कि वे नींद के दौरान या तो रोशनी से बचें या इसे बहुत कम रखें।
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ऐसे रखें नींद के दौरान कम रोशनी
- घर की लाइट ऑन न छोड़ें। सुरक्षा हेतु यदि आपको प्रकाश की आवश्यकता है, तो इसे मंद और फर्श के करीब रखें।
- एम्बर या लाल/नारंगी रोशनी मस्तिष्क के लिए कम उत्तेजक होती है। सफेद या नीली बत्ती का प्रयोग न करें और इसे सोने वाले व्यक्ति से दूर रखें।
- अगर बाहरी रोशनी को नहीं रोक सकते हैं तो ब्लैकआउट शेड्स या आई मास्क पहने।
- अपने बिस्तर को एडजस्ट करें ताकि रोशनी आपके चेहरे पर न पड़े।
इस बारे में और जानकारी स्लीप जर्नल से प्राप्त की जा सकती है।
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