एक हालिया स्टडी में पाया गया है कि रात को देर से खाने (Late eating) की आदत शरीर में मोटापा (Obesity) और चर्बी (Fat) बढ़ाती है।
ऐसी आदत के फलस्वरूप ही वज़न घटाने (Weight loss) की कोशिशें नाकाम हो जाती है।
ब्रिघम एंड वीमेन हॉस्पिटल के जांचकर्ताओं द्वारा की गई स्टडी में, खाने का समय हमारी भूख (Hunger) , कैलोरी बर्न (Calorie burn) और शरीर में फैट (Fat) के जमाव को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता मिला है।
सेल मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित नतीजों की मानें तो रात आठ बजे के बाद डिनर या स्नैकिंग से भूख ज़्यादा लगने लगती है।
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इससे मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है, जिससे कम कैलोरी ख़र्च होती है और हानिकारक चर्बी का भंडार बढ़ने लगता है।
टीम को यह जानकारी अधिक वजन और मोटापे से प्रभावित 16 पुरुषों और महिलाओं की जांच से मिली है।
परिणामों से पता चला है कि दिन ढलने पर या 8 बजे तक भोजन करने वालों की अपेक्षा 8 बजे के बाद या देर रात तक खाना खाने वालों में भूख और इसे कंट्रोल करने वाले हार्मोन लेप्टिन एवं ग्रेलिन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
विशेषकर, देर रात खाने से पेट भरने का संकेत देने वाले हार्मोन लेप्टिन का स्तर घटने लगता है, जिससे ज़्यादा भोजन खाया जाता है।
स्टडी में देखा भी गया कि देर से भोजन करने वालों ने धीमी गति से कैलोरी बर्न की।
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उनका मेटाबॉलिज़्म सुस्त पड़ने के कारण फैट से भरी कोशिकाओं (adipose tissues) में वृद्धि हुई, जिससे शरीर में मोटापा विकसित होना शुरू हो गया।
हालांकि, इन कारणों की सटीकता के लिए भविष्य में बड़े पैमाने पर स्टडीज़ की बात भी कही गई है।
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