कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित मरीजों की एक बड़ी स्टडी में इस महामारी से प्रभावित कई बीमारियों की जटिलताओं के बढ़ने की पुष्टि हुई है।
CMAJ (कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल) के नए शोध के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना रोगियों पर हुए एक बड़े अध्ययन में संक्रमण की वजह से फेफड़े, गुर्दे और हृदय संबंधी बीमारियों में दिक्कते बढ़ी।
70, 288 रोगियों पर हुआ अध्ययन
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने संयुक्त राज्य के स्वास्थ्य डेटाबेस से 1 मार्च और 30 अप्रैल, 2020 के बीच COVID-19 से संबंधित शिकायतों के चलते भर्ती हुए 70, 288 रोगियों की पहचान की। सभी रोगियों में से आधे से अधिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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इनमे से लगभग 5 प्रतिशत को गहन चिकित्सा यूनिट में भर्ती कराया गया था।
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इनकी औसत आयु 65 वर्ष थी, और 55.8 प्रतिशत महिलाएं थीं।
अध्ययन के लेखकों ने सभी संभावित क्लीनिकल कोडों को देखा और उन मरीजों की पहचान की जो COVID-19 की शुरुआत के बाद लगातार अस्पताल में आए थे।
फेफड़े, गुर्दे और हृदय संबंधी बीमारियों में दिक्कते बढ़ी
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COVID-19 से जुड़ी सबसे आम जटिलताओं में निमोनिया, श्वसन विफलता (respiratory failure), गुर्दे की विफलता (kidney failure) और सेप्सिस (sepsis) या सूजन थी जो अन्य अध्ययनों के अनुरूप थे।
कोरोना वायरस की वजह से किसी को भी इन गंभीर स्थितियों जैसे निमोनिया होने का 27.6 प्रतिशत, श्वसन विफलता के लिए 22.6 प्रतिशत, गुर्दे की विफलता के लिए 11.8 प्रतिशत और सेप्सिस या प्रणालीगत सूजन के लिए 10.4 प्रतिशत होने का पूर्ण खतरा था।
शोधकर्ताओं ने अन्य फेफड़ों और कार्डीओवैस्क्यलर कंडीशन की बीमारियों जैसे न्यूमोथोरैक्स (pneumothorax), रक्त के थक्के का विकार (blood clotting disorders) और हृदय की सूजन (heart inflammation) के साथ भी इनका संबंध ढूंढा, हालांकि इनका जोखिम अपेक्षाकृत कम था।
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लेकिन अन्य अध्ययनों के परिणामों के विपरीत, COVID-19 स्ट्रोक (stroke) के उच्च जोखिम से जुड़ा हुआ दिखाई नहीं दिया।