ज्यादातर बच्चे स्कूल टिफिन में फलों और सब्जियों (Fruits and vegetables) को देखना पसंद नहीं करते।
लेकिन अगर स्कूल में लंच टाइम (Lunch time) बढ़ा दिया जाए तो वो आराम से इन्हें खा लेते है, ये कहना है एक रिसर्च का।
अमेरिका की इलिनोइस यूनिवर्सिटी ने बच्चों के खाने-पीने संबंधी बर्ताव देखने के लिए किए गए एक प्रयोग के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।
रिसर्च करने वालों के मुताबिक, जब बच्चे स्कूल में लंच करने बैठते है तो फल और सब्जियां खाना उनकी पहली पसंद नहीं होती। लेकिन लंच टाइम अधिक मिलने पर वे उन स्वस्थ खाद्य पदार्थों को भी खा लेते है।
- Advertisement -
नतीजे बताते है कि बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए स्कूल में लंच ब्रेक लंबा होना चाहिए।
ज्यादातर स्कूलों में लंच ब्रेक 10-20 मिनट का होता है। इतने समय में बच्चों के लिए दोस्तों संग बाते करते हुए फलों और सब्जियों के सलाद को खा पाना संभव नहीं होता। इन्हें चबाने में ज्यादा समय लगता है। ऐसे में बच्चे अपनी पसंद के खाने को पहले खाते है।
रिसर्च करने वाले नरम खाद्य वस्तुओं और पेय पदार्थों को बच्चों की पहली पसंद बताते है। इन्हें आसानी से खाया जा सकता है। यदि खाने और बातचीत के बाद समय बचता है तो ही वो फल और सब्जियां खाना शुरू करते है।
यूनिवर्सिटी की रिसर्च में भी ऐसा ही देखने को मिला।
लंच ब्रेक कम समय का होने के कारण बच्चों ने फलों और सलाद को काफी कम खाया, जबकि उनके पेय पदार्थों की मात्रा में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं था। गौरतलब रहा कि सब्जियों को फलों की अपेक्षा ज्यादा छोड़ा गया।
- Advertisement -
रिसर्च के नतीजे स्कूलों में बच्चों के लंच ब्रेक को बढ़ाने की सलाह देते है। इससे स्वस्थ भोजन खाने के अलावा सहपाठियों और अन्य बच्चों संग मेल-मिलाप की भावना को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
रिसर्च के रिजल्ट जामा नेटवर्क में प्रकाशित किए गए है।