उम्र बढ़ने पर मस्तिष्क (Brain) की कार्य कुशलता कमजोर हो जाती है और कई तरह के मानसिक विकार (Mental Disorder) दिक्कतें देने लगते है।
ऐसे में एक नए अध्ययन का सुझाव है कि पढ़ने, पत्र लिखने और कार्ड गेम या पहेली हल करने से मस्तिष्क की कार्य कुशलता बनी रहती है।
इससे अल्जाइमर डिमेंशिया (Alzheimer’s Dementia) जैसे मानसिक रोग की शुरुआत में पांच साल तक की देरी हो सकती है।
अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे आम कारण बताया गया है जो याददाश्त और अन्य महत्वपूर्ण मानसिक कार्यों को नष्ट कर देता है।
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यह शोध अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
इसके नतीजे बताते है कि 80 के दशक में भी उपरोक्त एक्टिविटी शुरू करने से अल्जाइमर डिमेंशिया को धीमे किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों ने अध्ययन में 80 वर्ष की आयु के 1,978 बुजुर्गों को शामिल किया था। उन्हें शुरुआत में डिमेंशिया रोग नहीं था।
सभी पर औसतन सात साल तक रोग के विकसित होने के लिए नजर रखी गई। हर साल उनकी दिमागी कार्यकुशलता देखने के लिए कुछ टेस्ट भी किए गए।
इस दौरान 89 वर्ष की आयु वाले 457 लोगों में अल्जाइमर डिमेंशिया का होना पाया गया। ऐसे बुजुर्गों ने मस्तिष्क की कार्यकुशलता बढ़ाने वाली एक्टिविटी सबसे कम की थी।
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लेकिन जिन बुजुर्गों ने उपरोक्त एक्टिविटी ज्यादा की थी, उनमें औसतन 94 वर्ष की आयु में ये रोग विकसित हुए।
वैज्ञानिकों ने दोनों तरह के बुजुर्गों में रोग विकसित होने का अंतराल पांच वर्ष बताया ।
उनका कहना था कि जिन्होंने सोच-समझ को उत्तेजित करने वाली एक्टिविटीज की थी, उनमें मानसिक विकार बहुत उम्र बीतने के बाद पैदा होने शुरू हुए।
इससे साफ़ जाहिर था कि मानसिक स्वास्थ्य को निरोग रखने के लिए समझ-बूझ से जुड़ी एक्टिविटी करते रहना बहुत जरूरी है।
क्योंकि अध्ययन में शामिल ज्यादातर बुजुर्ग अंग्रेज थे, इसलिए वैज्ञानिकों का मानना है कि अन्य उम्र और रंग वालों पर यह नतीजे लागू होते है या नहीं – यह देखना अभी बाकी है।