Ischemic stroke mortality: एक नई स्टडी ने दुनिया भर में स्ट्रोक से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि की चेतावनी दी है।
चीन की स्टडी में स्ट्रोक के मामले बढ़ने से साल 2030 तक लगभग 50 लाख मौतों की आशंका है।
यह चिंताजनक स्टडी चीनी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की है जिसके नतीजे न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुए है।
नतीजे इस्केमिक स्ट्रोक के बढ़ते मामलों की छानबीन पर आधारित है। यह स्ट्रोक का सबसे प्रचलित रूप है।
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इस समस्या में मस्तिष्क को खून और ऑक्सीजन नहीं मिल पाते जिससे कोशिकाएं मरने लगती है।
बता दें कि साल 1990 में इस्केमिक स्ट्रोक से दुनिया भर में होने वाली मौतों की संख्या 20 लाख थी।
यह संख्या साल 2019 में बढ़कर 30 लाख से अधिक रही। साल 2030 में यह लगभग 50 लाख हो सकती है।
हालांकि, स्टडी के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस्केमिक स्ट्रोक की वैश्विक मृत्यु दर में कमी भी संभव मानी है।
उनके अनुसार, लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर मानव जीवन पर मंडरा रहे खतरे को टाला जा सकता है।
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परिणाम बताते है कि स्मोकिंग, अधिक नमक, हाई बीपी और मोटापे से स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
ये परिणाम 1990-2019 तक के ग्लोबल हेल्थ डेटा एक्सचेंज के विश्लेषण पर आधारित है।
विशेषज्ञ टीम ने विश्लेषण से ही 2020-2030 में होने वाली मौतों की संख्या का अनुमान लगाया है।
स्मोकिंग सहित हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर, वज़न, अधिक नमक आदि से हुए स्ट्रोक ने ज़्यादा लोगों को मारा।
टीम का अनुमान है कि इन खतरों को न रोकने पर स्ट्रोक से होने वाली मौतें साढ़े 60 लाख तक पहुंच सकती है।
रोकथाम के लिए शराब, स्मोकिंग, अधिक नमक जैसी आदतें छोड़कर रोज़ाना एक्सरसाइज करना आवश्यक है।
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