भारत में थमते नजर आते कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर से तेजी आनी शुरू हो गयी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, देश के महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात में कोरोना वायरस से जुड़ें नए मामलों में बढ़ोतरी देखी गयी है।
खबरों के अनुसार, इन राज्यों में 86.69 प्रतिशत नए मामले आने से राज्य सरकारों की चिंता बढ़ गई है। वर्तमान में 75.87 प्रतिशत केस तो सिर्फ महाराष्ट्र और केरल में ही दर्ज किए गए है।
गौरतलब है कि तेजी से बढ़ते टीकाकरण और आरटी-पीसीआर जांच से केंद्र सरकार को भी उम्मीद थी कि Covid-19 का दुष्चक्र अब थम जायेगा लेकिन आशा के विपरीत महाराष्ट्र और केरल में नए मामले मिलने के बाद महामारी के फिर से उभरने का खतरा बढ़ गया है।
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महाराष्ट्र में तो पहले ही कई हिस्सों में लॉकडाउन का ऐलान किया जा चुका है। पंजाब और गुजरात में भी कई शहरों में नाइट कर्फ्यू बहाल किया गया है। लेकिन देखना यह है कि क्या लोग कोविड नियमों का सख्ती से पालन करेंगे?
इस बारे में महामारी विज्ञान से जुड़ें विशेषज्ञों का कहना है कि नागरिकों की ढिलाई उन्हीं के लिए भारी पड़ सकती है क्योंकि महामारी नियंत्रण से बाहर होने पर घनी आबादी वाले अधिकांश शहरों में तबाही मचाएगी और जीवन फिर से अस्त-व्यस्त होगा।
उनके अनुसार, नियमों में तुरंत ढील दे देना और सख्ताई न करना महामारी को फिर से न्योता देने की वजह बन सकता है।
दिल्ली में स्थिति काबू में
हालांकि, वायरस फैलने से जुड़े मामलों में देश की राजधानी दिल्ली में स्थिति काबू में दिखती है।
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दिल्ली सरकार के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट आना अभी भी जारी है और पिछले 24 घंटे में वायरस के 145 नए मामले ही सामने आए है।
दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 6,37,900 हो गई है और इलाज के दौरान हुई दो मौतों के बाद मृतकों की संख्या 10,900 बताई जा रही है। यहां संक्रमण से ठीक हुए कुल मरीज अब 6,25,929 हो चुके है।
लेकिन विशेषज्ञ मानते है कि महामारी का ग्राफ फिर से ऊपर चढ़ेगा या गिरता रहेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि लोग कितना कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करते है, सरकार कितने लोगों को टीकाकरण करती है और क्या दुनिया भर में मिल रहे नए वायरस स्ट्रेन को देश में फैलने दिया जायेगा या नहीं।
वैसे देश में तेजी से बढ़ते टीकाकरण से लोगों को इस वायरस से छुटकारा मिलने की उम्मीद जगी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी वैक्सीन की अभी तक एक करोड़ आठ लाख से ज्यादा खुराक स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मियों को दी है और जल्द ही इस दिशा में साधारण नागरिकों को भी शामिल करने की योजना है।