Irregular sleep and heart health: दिल को स्वस्थ रखने के लिए नियमित समय पर सोना-जागना अत्यंत ज़रूरी है।
यह सलाह दी है कनाडा, यूएसए और ऑस्ट्रेलिया के हेल्थ रिसर्चर्स की एक संयुक्त स्टडी ने।
रिसर्च टीम ने नींद के अनियमित समय वालों को स्ट्रोक, हार्ट अटैक व हार्ट फेलियर का खतरा अधिक जाना है।
यूके बायोबैंक आधारित स्टडी ने नींद की खराब टाइमिंग से पर्याप्त नींद के बावजूद दिल को खतरा कहा है।
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स्टडी में 40 से 79 वर्षीय 72,269 लोगों के डेटा की जांच हुई थी। उन्हें दिल की कोई प्रमुख समस्या नहीं थी।
उनकी नींद को रिकॉर्ड करने के लिए सात दिनों तक सभी को एक एक्टिविटी ट्रैकर पहनाया गया।
इसके माध्यम से टीम ने प्रत्येक व्यक्ति के स्लीप रेग्युलैरिटी इंडेक्स (SRI) स्कोर की गणना की।
आठ वर्षों के विश्लेषण के बाद, अनियमित नींद वालों को स्ट्रोक, हार्ट फेलियर या अटैक पड़ने की संभावना नियमित वालों की तुलना में 26% अधिक थी।
टीम ने यह भी पाया कि मध्यम रूप से अनियमित नींद वालों को उपरोक्त खतरा 8% अधिक था।
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सोने-जागने में गड़बड़ी से दिल को हुए नुकसान के पीछे सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) की अधिकता का अनुमान था।
सी-रिएक्टिव प्रोटीन लिवर में बनता है और शरीर में सूजन या संक्रमण होने पर अधिक हो जाता है।
इसकी अधिकता से दिल संबंधी समस्याओं के विकास का खतरा बढ़ने लगता है।
इसके अलावा, हमारी लाइफस्टाइल से खराब हुई नींद की टाइमिंग भी दिल की सेहत बिगाड़ सकती है।
अभी और खोज की आवश्यकता है, लेकिन शुरुआती नतीजों ने नींद एवं दिल की सेहत के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध बताया।
वैसे 18 से 64 वर्ष वालों को हर रात 7-9 घंटे और 65 वर्ष या अधिक वालों को 7-8 घंटे नींद की सलाह है।
नतीजों ने कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए हर दिन एक ही समय पर सोना और उठना ज़रूरी कहा है।
अधिक जानकारी जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ में प्रकाशित स्टडी से मिल सकती है।