घर में लगे पेड़-पौधे न केवल वायु प्रदूषण से बचाते है बल्कि इनका घर के निवासियों की मानसिक सेहत पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, ऐसा एक अध्ययन में पाया गया।
हैरानी की बात यह थी कि ऐसा कम प्राकृतिक प्रकाश और पौधों से वंचित छोटे घरों में रहने वाले लोगों ने महसूस नहीं किया।
स्पेन की सेविल यूनिवर्सिटी में हुए इस अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में कोरोनाकाल में घर पर ही रहने को मजबूर लोगों की मानसिक स्थिति पर इंडोर प्लांट्स के प्रभावों को देखा गया।
इस अध्ययन में ग्रीस, ब्राजील और इटली के विश्वविद्यालयों से आए प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
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वैज्ञानिक पत्रिका अर्बन फॉरेस्ट्री एंड अर्बन ग्रीनिंग में प्रकाशित इस अध्ययन में देखा गया कि COVID-19 लॉकडाउन के चलते जब लोगों का बाहर निकलना और प्रकृति के बीच (पार्क या हरी-भरी जगहों पर) घूमने जाना मना था, तब घर के पेड़-पौधों ने उन पर क्या प्रभाव पड़ा।
पौधों ने अच्छा महसूस करवाया
अनुसंधानकर्ता ये देखकर हैरान थे कि 46 देशों के 4,200 से अधिक लोगों (लगभग 74%) ने इस बात पर सहमति दी कि घर में लगे पौधों ने उन्हें बहुत अच्छा महसूस करवाया।
इसके अलावा, आधे से अधिक लोगों (52%) ने COVID-19 लॉकडाउन के दौरान घर पर पौधों की देखभाल में अधिक समय बिताया। लगभग दो तिहाई (62.5%) ने कहा कि हालात सामान्य होने पर भी वो ऐसा करेंगे।
इन सब बातों से प्रेरित 40% प्रतिभागियों ने कहा कि वे भविष्य में घर पर अधिक पौधे रखेंगे।
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दूसरी ओर, अध्ययन में जिन प्रतिभागियों के पास इनडोर पौधे नहीं थे उनमे से ज्यादातर ने नकारात्मक भावनाओं का अनुभव किया। ऐसे लोग छोटे या खराब रोशनी वाले आवासों में रहते थे।
इसके अलावा जो लोग लॉकडाउन से पहले अक्सर हरी-भरी जगहों (पार्क, जंगल या हरियाली क्षेत्र) में नहीं जाते थे, उन्हें भी अधिक नकारात्मक भावनाओं का अनुभव हुआ।