अधिकांश भारतीय तनाव (Stress) कम करने के लिए संगीत (Music) का सहारा लेते है, ऐसा कहना है एक रिपोर्ट का।
गानों और संगीत के प्रति भारतीयों की बढ़ती चाहत पर रोशनी डालती इस रिपोर्ट में ऑडियो (Audio) सुनने वाले श्रोताओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी भी बताई गई है।
म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस देने वाली स्वीडिश कंपनी, Spotify द्वारा करवाए गए एक सर्वे में भारत समेत दुनिया भर के बाजारों में संगीत के प्रति लोगों के रुझान जाने गए।
कल्चर नेक्स्ट शीर्षक की सर्वे रिपोर्ट का दावा है कि भारत में उनके अधिकांश युवा और व्यस्क तथा बच्चे और किशोर तनाव कम करने के लिए ऑडियो म्यूजिक का इस्तेमाल करते है।
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उत्तरदाताओं में भारत के 87 प्रतिशत 23 वर्षीय युवाओं से लेकर 40 साल तक के व्यस्क और 77 प्रतिशत बच्चों से लेकर 20-22 साल के किशोर तक शामिल थे।
रिपोर्ट में अधिकांश युवाओं और वयस्कों का मानना था कि म्यूजिक सुनने से मानसिक स्वास्थ्य का इलाज किया जा सकता है। जबकि बच्चों और किशोरों का मानना था कि म्यूजिक या गाने सुनने से बीमारी मुक्त हुआ जा सकता है।
रिपोर्ट भारतीय बाजार में पॉडकास्ट की बढ़ती लोकप्रियता की ओर भी इशारा करती है।
कम से कम 48 प्रतिशत युवा और किशोरों ने पॉडकास्ट में उनका भरोसा मीडिया के पारंपरिक साधनों से अधिक बताया है।
इन पर पॉडकास्टरों का प्रभाव भी महत्वपूर्ण पाया गया। ज्यादातर ने यह भी कहा कि पॉडकास्ट होस्ट कभी-कभी एक दोस्त की तरह महसूस होते है।
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बता दें कि पॉडकास्ट रेडियो प्रोग्राम की तरह होते है, जो श्रोताओं को सलाह देने और किसी विषय पर विचार-विमर्श या अनुभवों का आदान-प्रदान करते है।
दूसरी ओर, जब संगीत की बात आती है तो 80 प्रतिशत किशोर अपना पसंदीदा संगीत सुनने पर अधिक खुश और केंद्रित महसूस करते है।
गानों और संगीत में जहां किशोरों के बीच हाइपरपॉप में 175 प्रतिशत की वृद्धि बताई गई है, वहीं 70 के दशक के प्रेम गीतों और 80 के दशक के हिट सुनने वाले बड़ों और युवाओं में क्रमशः 44 प्रतिशत और 195 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।
सर्वे में कुछ उत्तरदाताओं का मानना था कि संगीत उनके लिए अन्य संस्कृतियों से परिचित होने का एक सरल तरीका बन सकता है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि संगीत या पॉडकास्ट का उपयोग करके बड़ों की 80 प्रतिशत आबादी और किशोरों की 55 प्रतिशत आबादी वैश्विक समुदाय का हिस्सा बन गए है।
Spotify के इस प्रयास में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील, स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, यूके, भारत, इंडोनेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस और जापान के बच्चों से लेकर किशोर और युवाओं से लेकर बड़ी उम्र के उत्तरदाता शामिल थे।