राजधानी दिल्ली में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए – IMA) ने सोमवार को सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) के एक विवादास्पद आदेश के खिलाफ देश भर में भूख हड़ताल शुरू कर दी।
यह भूख हड़ताल एसोसिएशन के सदस्यों और डॉक्टरों द्वारा 50 से अधिक स्थानों पर 14 फरवरी, 2021 तक जारी रहेगी।
एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए आईएमए ने यह भी कहा कि फेडरेशन ऑफ मेडिकल एसोसिएशन (एफएमए) के माध्यम से देश भर के सभी विशेषज्ञ संघ हड़ताल में शामिल हुए है।
क्या कारण है भूख हड़ताल का
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गौरतलब है कि यह हड़ताल केंद्र सरकार के उस फैसले के खिलाफ की गयी है जिसमे आयुर्वेद के स्नातकोत्तर छात्रों को पिछले साल नवंबर में जारी एक संशोधन द्वारा आर्थोपेडिक, नेत्र विज्ञान, ईएनटी (ENT) और दांतों सहित कई सामान्य सर्जरी करने की अनुमति दी गई थी।
इससे आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को भी डॉक्टरों की तरह सर्जरी करने का अधिकार मिल जायेगा।
आईएमए ने एक ही चिकित्सक द्वारा दवाइयों, आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी आदि चिकित्सा पद्धतियों के एक साथ अभ्यास करने का कड़ा विरोध किया है।
हड़ताल को राष्ट्रीय आंदोलन में बदलने की योजना
सरकार के इस कदम की आधुनिक चिकित्सा के डॉक्टरों ने पिछले साल भी बहुत आलोचना की थी और देशभर में विरोध प्रदर्शन किया था।
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आईएमए का कहना है कि जल्द ही इस फैसले के दुष्प्रभावों को देश की जनता समेत सांसदों, विधायकों और संबंधित राज्य सरकारों को एक राष्ट्रीय जागरूकता आंदोलन से बताया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी आईएमए इस अवैज्ञानिक अधिसूचना के बारे में विभिन्न देशों के विभिन्न संघों को अवगत कराएगा।
एसोसिएशन ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सिविल रिट याचिका भी दायर की है।