गंभीर कोरोना (COVID-19) संकट से जूझते भारतीयों के लिए बुरी खबर है कि देश में धीरे-धीरे एक और डरावना संक्रमण पैर पसारता जा रहा है।
स्वास्थ्य अधिकारियों से प्राप्त सूचना से पता चला है कि इस संक्रमण को ब्लैक फंगस संक्रमण (Black Fungus Infection), यानि म्यूकोर्मिकोसिस (Mucormycosis) बताया गया है।
गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों, खासकर डायबिटीज वाले COVID-19 संक्रमितों में इसका ज्यादा असर देखा गया है।
उनके अनुसार, इसके ज्ञात लक्षणों में बुखार, बदन, आंख, सिर, नाक में दर्द, सांस लेने में परेशानी और धुंधला दिखना शामिल है।
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अभी तक सामने आए मामलों में फंगस के आंखों में फैलने से मरीजों को धुंधला दिखना या रोशनी चले जाना ज्यादा है।
गौरतलब है कि पहले से ही महामारी के बोझ से दबे देश के हेल्थकेयर सिस्टम पर इस बीमारी के बढ़ने से गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो गया है।
चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि म्यूकर फफूंद (Mucor Mold) के संपर्क में आने के कारण म्यूकोर्मिसोसिस संक्रमण होता है।
यह आमतौर पर मिट्टी, पौधों, जानवरों के मल, खेती के लिए बनाई गई खाद तथा सड़े-गले फलों और सब्जियों में पाई जाने वाली लगभग 40 प्रजातियों में से है।
कोरोना वायरस की तरह इसका संक्रमण भी आमतौर पर विषाणुओं वाली हवा में सांस लेने के बाद फेफड़ों पर होता है।
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इसके अलावा जलने, कटने या चोट लगने पर भी यह फंगस त्वचा में प्रवेश कर सकती है।
यही नहीं, कमजोर इम्युनिटी वाले डायबिटीज, कैंसर, एचआईवी और एड्स के मरीजों को यह जल्दी अपनी गिरफ्त में लेती है।
दुःख की बात तो यह है कि आधुनिक चिकित्सा जगत में इससे बचने के पुख्ता इलाज उपलब्ध नहीं है।
इलाज के तौर पर एंटी-फंगल दवाएं या स्टेरॉयड ही है, जो कोरोना संक्रमितों की पहले से ही कमजोर इम्युनिटी को फंगस से ग्रसित कर जानलेवा बना सकते है।
आबादी का कितना हिस्सा म्यूकोर्मिसोसिस संक्रमण की चपेट में आया है, इस बारे में अभी पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं है।
ज्यादातर मामले पहले ही कोरोना की मार झेल रहे मुंबई और गुजरात में सामने आए है। इसके अलावा, देश की राजधानी दिल्ली में भी ब्लैक फंगस संक्रमण के मरीज मिले है।
उत्तर प्रदेश और बिहार में भी इक्का-दुक्का मरीज अस्पताल में भर्ती हुए है।
लेकिन इसके अभी तक कोई जबरदस्त फैलाव की सूचना नहीं है।
हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि म्यूकोर्मिसोसिस संक्रमण को लेकर सभी डॉक्टरों और अस्पतालों के कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिए गए है।
फंगस से संक्रमित मरीज की अस्पताल में भर्ती होने पर तुरंत चिकित्सा दी जाएगी।
सावधानी के तौर पर, लोगों को साफ़-सफाई रखने, धूल-मिट्टी से बचने, मास्क लगाने, जल-भराव, निर्माण और खुदाई वाली जगहों से दूर रहने को कहा गया है।
साथ ही, खेती-बाड़ी से जुड़े लोगों को खेतों में काम करते समय मुंह ढकने, चिकित्सा के दस्ताने पहनने और साबुन से हाथ-पैर धोते रहने की हिदायत दी गई है।
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