Risks of Digital Screen Time: शिक्षा के लिए स्मार्टफोन का उपयोग बच्चों (Children) के स्वास्थ्य (Health) को बिगाड़ रहा है, ये दावा किया है एक नई स्टडी ने।
कई अध्ययनों की जांच से विशेषज्ञों ने COVID-19 महामारी के दौरान 5 से 12 वर्षीय छोटे और बड़े बच्चों के डिजिटल स्क्रीन समय में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है।
जानकारी एकत्र करने वाले यूके की एंग्लिया रस्किन विश्वविद्यालय के नेत्र विशेषज्ञों ने डिजिटल उपकरणों के अधिक उपयोग से आंखों और सेहत को कमज़ोर करने वाली कई स्थितियों को उभरते देखकर चिंता व्यक्त की है।
यह सर्वज्ञात है कि विश्वस्तरीय COVID-19 महामारी ने सभी देशों को स्कूल बंद करने और छात्रों को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए डिजिटल उपकरणों पर भरोसा करने के लिए मजबूर कर दिया था।
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जर्नल ऑफ स्कूल हेल्थ में प्रकाशित इस स्टडी में, विशेषज्ञों ने महामारी के दौरान दुनिया भर में बच्चों और किशोरों के डिजिटल स्क्रीन समय को बताने वाले अध्ययनों का विश्लेषण किया था।
पाया गया कि कनाडा, जर्मनी, चिली, ट्यूनीशिया आदि देशों में छोटे से लेकर बड़े बच्चे तक ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दो घंटे की अपेक्षा तीन घंटे से अधिक समय तक स्मार्टफ़ोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, टेबलेट आदि का उपयोग कर रहे है।
ऐसे डिजिटल उपकरणों के उपयोग से आंखों में तनाव, धुंधलापन, अंधापन, और सूखापन का ख़तरा विकसित हो सकता है। इसके अतिरिक्त, एक साथ कई उपकरणों का उपयोग करने से आंखों पर 22% तक तनाव बढ़ जाता है।
ज़्यादा स्क्रीन देखना बच्चों के गर्दन और कंधे में खिंचाव, देर तक बैठे रहने, स्क्रीन देखते हुए अधिक खाने आदि समस्याओं से भी जुड़ा हुआ मिला, जिसके परिणामस्वरूप उनमें मोटापा होने की आशंका जताई गई।
उपरोक्त कारणों को देखते हुए विशेषज्ञों ने माता-पिता और शिक्षकों को सलाह दी कि वे बच्चों की आंखों और स्वास्थ्य के संभावित जोखिमों को ध्यान में रखें। इससे बचने के लिए डिजिटल उपकरणों पर उनकी निर्भरता घटाएं और बाहर जाकर खेलने-कूदने या अन्य रचनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहन दें।
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इसके अलावा, स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं की अवधि कम करें और बच्चों को अधिक बार स्क्रीन ब्रेक की सुविधा उपलब्ध कराएं।
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