COVID-19 and Heart: हृदय स्वास्थ्य में सुधार से COVID-19 रोग की गंभीरता कम हो सकती है, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है।
हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग, मोटापा, हृदय रोग और डायबिटीज जैसी समस्याएं COVID-19 संक्रमण को घातक बना सकती है।
ऐसी संभावना यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के विशेषज्ञों ने जताई।
यही नहीं, उन्होंने बिना हृदय रोग (Heart Disease) वाले कोरोना संक्रमितों के मुकाबले, दिल के मरीजों के संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होने, वेंटिलेशन या मौत होने की आशंका ज्यादा बताई।
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विशेषज्ञों ने हृदय रोग और COVID-19 गंभीरता को जानने के लिए लगभग 32 अध्ययनों और 45,000 संक्रमित रोगियों की स्थिति का विश्लेषण किया।
उन्होंने पाया कि ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग, मोटापा, डायबिटीज, लिवर, किडनी और दिल की कोई भी बीमारी संक्रमण ग्रस्त मरीज के जीवन के लिए घातक साबित हो सकती है।
मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से ग्रस्त मरीजों को कोरोना होने पर मरने की दोगुनी संभावना बताई गई।
इसके अलावा, हृदय रोग से ग्रस्त मरीजों को गंभीर कोरोना होने का लगभग चार गुना खतरा था, जबकि हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज वालों को दोगुने से अधिक तथा नॉन-स्मोकर्स की तुलना में स्मोकर्स को 80 फीसदी अधिक खतरा था।
विश्लेषण से यह भी पाया गया कि COVID-19 से अस्पताल में भर्ती रोगियों में कई गंभीर हृदय संबंधी जटिलताएँ उत्पन्न हुई।
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विशेषज्ञों का कहना था कि कार्डियोवैस्कुलर (Cardiovascular) बीमारियों या इनके खतरों से जुड़े कारण ऐसे परिवर्तन ला देते है, जिससे शरीर की वायरस के प्रति प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने की क्षमता कमजोर होती है।
हालांकि उन्हें उम्मीद थी कि हृदय स्वास्थ्य को सही रखने से COVID-19 रोगियों की सेहत और संक्रमण की गंभीरता में सुधार किया जा सकता है।