धूम्रपान से होने वाले शारीरिक और मानसिक नुकसान को देखते हुए शोधकर्ताओं ने ऐसा करने वालों को हरे-भरे स्थानों या उनके आस पास रहने की सलाह दी है ताकि उनके धूम्रपान छोड़ने की संभावना बढ़े।
उनकी यह सलाह जिस अध्ययन पर आधारित है उसमे 8,000 से अधिक वयस्कों को शामिल किया गया और उनके स्वास्थ्य, वो कहाँ रहते थे और विभिन्न जीवन शैली कारको के बारे में पूछा गया। सर्वेक्षण के प्रतिभागियों में से 19 प्रतिशत ने खुद को वर्तमान में धूम्रपान करने वालों के रूप में बताया, जबकि लगभग 45 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन के दौरान कुछ समय लगातार धूम्रपान किया था। हालांकि, धूम्रपान को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों को ध्यान में रखने के बाद भी, हरियाली वाली जगह रहने वाले लोगों में स्मोकिंग करने की सोच 20 प्रतिशत कम थी, उनकी तुलना में जो कम हरे भरे क्षेत्रों में रहते थे।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि हरे भरे स्थानों या आस-पास रहने वाले लोगों में कम धूम्रपान और इसे छोड़ने की अधिक संभावना थी। सोशल साइंस एंड मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि पड़ोस की हरित जगह की पहुंच धूम्रपान कम करने की दरों से जुड़ी है।
इस शोध के लेखक, ब्रिटेन के प्लायमाउथ विश्वविद्यालय के लीन मार्टिन ने बताया कि यह अध्ययन इंग्लैंड में हरी-भरी जगह और धूम्रपान के बीच संबंध की जांच करने वाला पहला शोध है। “इसके निष्कर्षों ने शहरों और दूर गावों में रहने वाले समुदायों में, प्राकृतिक स्वास्थ्य संसाधनों की रक्षा और उनमे निवेश करने की आवश्यकता का भी समर्थन किया है ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ को विस्तृत किया जा सके,” मार्टिन ने कहा।
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इसी टीम द्वारा किए गए पिछले अध्ययनों से पता चला है कि आपने घर से ज्यादा पेड़-पौधों वाली जगहों को देखने से शराब, सिगरेट और हानिकर खाद्य पदार्थों की तलब कम लगती है।
उन्होंने यह भी प्रदर्शित किया है कि वे व्यक्ति जो साप्ताहिक रूप से प्राकृतिक स्थानों की यात्रा करते है, और मनोवैज्ञानिक रूप से उनसे जुड़ाव महसूस करते है, उन्होंने अपना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बताया है।