Hypertension worldwide has doubled: दुनियाभर में हाइपरटेंशन (Hypertension) यानी हाई ब्लड प्रेशर के पीड़ितों की संख्या साल 1990 के बाद दोगुनी होकर एक अरब 28 करोड़ हो गई है।
ये चौंकाने वाला खुलासा किया है इम्पीरियल कॉलेज लंदन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में हुए एक विश्वस्तरीय विश्लेषण ने।
हाइपरटेंशन की व्यापकता, पहचान, उपचार और नियंत्रण का पता लगाने वाली इस विशाल स्टडी को द लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
स्टडी की मानें तो हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) से ग्रस्त लगभग आधे इंसानों को तो इस बीमारी के बारे में पता ही नहीं था।
- Advertisement -
ये सर्वविदित है कि हाई बीपी से हृदय, मस्तिष्क और गुर्दे की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। यह दुनिया भर में होने वाली मौतों और बीमारियों के शीर्ष कारणों में से एक है।
हालांकि, हाई बीपी का आसानी से पता लगाया जा सकता है और अक्सर कम लागत वाली दवाओं से इसका प्रभावी इलाज हो सकता है।
साल 1990 से 2019 की अवधि में की गई इस स्टडी को दुनियाभर में फैले डॉक्टरों और विशेषज्ञों के नेटवर्क द्वारा किया गया था।
स्टडी में, 184 देशों के 30 से 79 वर्ष के 10 करोड़ से अधिक नागरिकों के ब्लड प्रेशर और उपचार संबंधी आंकड़ों का उपयोग किया गया।
इतनी भारी मात्रा में उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद, साल 1990 से 2019 तक दुनिया में हाई बीपी की समग्र दर में बहुत कम बदलाव देखा।
- Advertisement -
अमीर देशों में तो इस बीमारी की दर में कमी आई, लेकिन कई निम्न या मध्यम आय वाले देशों में वृद्धि होते पाई गई।
नतीजतन, साल 2019 में कनाडा, पेरू और स्विटजरलैंड के निवासी हाइपरटेंशन से सबसे कम पीड़ित थे, जबकि डोमिनिकन गणराज्य, जमैका और पैराग्वे में महिलाओं तथा हंगरी, पराग्वे और पोलैंड के पुरुषों में कुछ उच्चतम दर दर्ज की गई।
हालांकि, साल 1990 के बाद से इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों का प्रतिशत थोड़ा बदला है।
हाई बीपी वालों की संख्या दोगुनी होकर एक अरब 28 करोड़ हो गई है। ऐसा मुख्य रूप से जनसंख्या वृद्धि और उम्र बढ़ने के कारण संभव पाया गया।
स्टडी में इस समस्या की पहचान और उपचार में महत्वपूर्ण अंतराल का भी पता चला है।
हाई ब्लड प्रेशर वाले 51 फीसदी पुरुष और 41 फीसदी महिलाएं अपनी स्थिति से अनजान थे, क्योंकि उनका कभी चेकअप ही नहीं किया गया था।
यही नहीं, हाइपरटेंशन वाले आधे से अधिक मरीजों को आवश्यकतानुसार उपचार भी नहीं मिल रहा था।
स्टडी के बाद, डब्ल्यूएचओ ने हाइपरटेंशन के प्रबंधन में देशों की मदद के लिए नई सिफारिशें जारी की है।
इन सिफारिशें में दवा शुरू करने के लिए बीपी का स्तर, दवाओं का उपयोग, ब्लड प्रेशर का सही स्तर और कितनी बार जांच करवाना शामिल है।
इसके अलावा, लोगों को स्वस्थ आहार लेने, नियमित एक्सरसाइज करने और विशेष रूप से तंबाकू उत्पादों को अधिक सख्ती से नियंत्रित करने की भी सलाह दी गई है।
Also Read: हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए प्रतिदिन करें ये उपाय