Humor therapy: चीन के रिसर्चर्स ने दवाओं की जगह हंसने-हंसाने से ही डिप्रेशन व चिंता का इलाज संभव बताया है।
उन्हें कई स्टडीज़ के विश्लेषण से पता चला है कि ह्यूमर थेरेपी उपरोक्त समस्याओं के लक्षणों को घटा सकती है।
ह्यूमर थेरेपी में परेशान इंसान को हंसाने व खुश रखने का प्रयास किया जाता है।
थेरेपी के दौरान हँसी अभ्यास, जोकरगिरी, खेलना, कॉमेडी फिल्मों आदि का उपयोग होता है।
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इस बारे में चांगचुन यूनिवर्सिटी ऑफ चाइनीज मेडिसिन के रिसर्चर्स ने ब्रेन एंड बिहेवियर जर्नल में बताया है।
नतीजों के लिए उन्होंने नौ अलग-अलग देशों के 2,964 इंसानों पर हुई 29 स्टडीज़ का विश्लेषण किया था।
स्टडीज़ में डिप्रेशन या चिंताग्रस्त बच्चे, बूढ़े, महिलाएँ, छात्र, पार्किंसंस, कैंसर, मानसिक या डायलिसिस रोगी शामिल थे।
उनका ह्यूमर थेरेपी से इलाज करने के लिए जोकरगिरी, हंसने-हंसाने या योग का इस्तेमाल किया गया था।
अधिकांश पीड़ितों ने ह्यूमर थेरेपी से उनके डिप्रेशन और चिंता में कमी आने की सूचना दी थी।
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उत्साहित रिसर्चर्स ने ह्यूमर थेरेपी को मानसिक परेशानियां सुधारने में भविष्य का एक आसान, गैर-औषधीय उपचार बताया।
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