Childhood Obesity: पूरे विश्व में मोटापा एक महामारी के रूप में फैल रहा है। बड़ो के बाद अब बच्चे (Children) भी इस सेहत संबंधी समस्या से अछूते नहीं है।
यूएस की एक नई स्टडी ने बचपन में ही इस समस्या से ग्रस्त होने वाले बच्चों के मस्तिष्क (Brain) का विश्लेषण किया है।
स्टडी करने वाले येल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने अधिक वज़न और बीएमआई को बच्चों के खराब मस्तिष्क स्वास्थ्य (Poor brain health) से जुड़ा पाया है।
यह चौंकाने वाली जानकारी मस्तिष्क विकास और बाल स्वास्थ्य संबंधित एक विशाल अध्ययन के एमआरआई (MRI) डेटा की छानबीन से मिली है।
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स्टडी के नतीजे रेडियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ़ नार्थ अमेरिका की वार्षिक बैठक में सार्वजनिक किए गए है।
बता दे कि अमेरिकी बच्चों में छुटपन से बढ़ता मोटापा एक गहन चिंता का विषय है। ताज़ा जानकारी में, हर पांच अमेरिकी बच्चों में से लगभग एक मोटापे से ग्रस्त है।
स्टडी में इस्तेमाल डाटा देश की विभिन्न आबादी वाले 21 केंद्रों से एकत्रित 9-10 वर्ष के 11,878 बच्चों का बताया गया है।
उस डाटा में से ईटिंग डिसऑर्डर, न्यूरोडेवलपमेंटल, साइकियाट्रिक बीमारियों और ब्रेन इंजरी वाले बच्चे निकालने के बाद, 5,169 लड़कों और लड़कियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच हुई थी।
स्टडी में शामिल बच्चों के बीएमआई स्कोर से उनमें अधिक वजन और मोटापे की दर क्रमश: 21% और 17.6% पता चली है।
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ऐसे बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य जांचते हुए विशेषज्ञ दल ने मस्तिष्क के वाइट मैटर में महत्वपूर्ण हानि सहित अन्य गंभीर संरचनात्मक परिवर्तन देखे है।
दल के सदस्यों ने ऐसे नुकसानदेह परिवर्तनों का बचपन में ही दिखाई देना चिंताजनक बताया है।
उनके अनुसार, एमआरआई छवियों में दिखा अधिक वजन और बीएमआई मस्तिष्क की सोचने, समझने, प्रेरणा और सकारात्मक निर्णय लेने संबंधी क्षमता को घटाता है।
इससे पता चलता है कि बच्चों में मोटापा आना सीखने और सूचनाएँ एकत्रित करने से जुड़ी कार्यप्रणाली में गड़बड़ी सहित स्कूल में खराब प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है।