Fertility in women: पीने के पानी और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले केमिकल से महिलाओं की प्रजनन क्षमता 40% तक कम हो सकती है।
ये चौंकाने वाला ख़ुलासा किया है यूएस और सिंगापुर के स्वास्थ्य वैज्ञानिकों की एक नई स्टडी ने।
स्टडी में Perfluoroalkyl and Polyfluoroalkyl Substances (PFAS) यानी एक तरह के सिंथेटिक केमिकल की गहन जांच की गई थी।
PFAS पानी और ग्रीस प्रतिरोधी केमिकल है जो पीने के पानी के अलावा नॉनस्टिक कुकवेयर, वाटरप्रूफ कपड़े, फ़ूड पैकेजिंग, कालीनों, पेंट और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में मिले होते है।
- Advertisement -
अधिक जानकारी गर्भधारण करने की कोशिश कर रही सिंगापुर की 382 महिलाओं में PFAS की छानबीन से मिली थी।
वर्ष 2015-2017 में एकत्र किए गए उनके प्लाज्मा से PFAS स्तर को मापा गया। नतीजों में उच्च PFAS वाली महिलाओं में प्रजनन क्षमता कम पाई गई।
छानबीन में PFDA के बाद PFOS, PFOA, और PFHpA केमिकल से PFAS की घातक क्षमता बढ़ी हुई मिली।
इन केमिकल्स से महिलाओं की गर्भावस्था पर पड़ने वाले असर को लगभग एक साल तक मापा गया।
PFAS केमिकल्स के मिश्रण और अकेले केमिकल की अधिकता वाली महिलाओं में निश्चित प्रेगनेंसी और जीवित बच्चे होने की संभावना 30% से 40% कम थी।
- Advertisement -
PFAS मिश्रण में सबसे बड़ा हानिकारक Perfluorodecanoic acid (PFDA) केमिकल था, जो व्यक्तिगत रूप से कम प्रजनन क्षमता से जुड़ा था।
उसके बाद PFOS, PFOA, और PFHpA केमिकल से महिलाओं में बांझपन के बढ़े हुए मामले जाने गए।
पिछले अध्ययनों में भी PFAS प्रजनन हार्मोन बाधित करने के अलावा यौवन शुरुआत में देरी और गर्भावस्था समस्याओं से जुड़ा मिला था।
वर्तमान स्टडी के परिणामों में इसकी अधिकता से महिलाओं की प्रजनन क्षमता में कमी भी देखी गई है।
वैज्ञानिकों ने महिलाओं को इन केमिकल्स की अधिकता वाले प्रोडक्ट्स से दूरी बनाने की सलाह दी है।
अमेरिका और सिंगापुर के स्वास्थ्य संस्थानों की यह साझा स्टडी साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
Also Read: प्लास्टिक के इस्तेमाल से महिलाओं में डायबिटीज का ख़तरा