बचपन में घर के बड़े-बुजुर्ग टीवी देखने (TV viewing) से यह कह कर रोका करते थे कि इससे आंखें खराब होती है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इससे दिमाग (Brain) खराब होना भी साबित किया है।
एक नहीं बल्कि तीन रिसर्च ने दिमाग की सेहत बनाएं रखने के लिए अत्यधिक टेलीविजन देखने को कम करने की चेतावनी दी है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के स्वास्थ्य संबंधी सम्मेलन में प्रस्तुत तीनों रिसर्च की माने तो 40 से लेकर 60 साल की उम्र तक ज्यादा टेलीविजन देखना (watching television) बाद के जीवन में दिमागी सूझबूझ घटने (cognitive decline) और कम ग्रे मैटर (gray matter) से जुड़ा हुआ पाया गया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्रे मैटर दिमाग मांसपेशियों को नियंत्रित करने के अलावा देखने, सुनने, बोलने, याददाश्त, निर्णय लेने की क्षमता, आत्म-नियंत्रण और भावनाओं के प्रदर्शन से जुड़ा है।
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मस्तिष्क में ग्रे मैटर की अधिक मात्रा, बेहतर दिमागी कार्य कुशलता बताती है।
लेकिन घटती दिमागी कार्य कुशलता उम्र बढ़ने पर अनेकों विकार पैदा करती है, जिनमें डिमेंशिया (Dementia) प्रमुख है। वर्तमान में इसे ठीक करने या रोकने के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है।
30 से लेकर 76 साल तक के कई लोगों पर हुए अध्ययनों में वैज्ञानिकों ने पाया कि मध्यम या अधिक मात्रा में टीवी देखने वालों की दिमागी सूझबूझ और कार्य कुशलता में 6.9 फीसदी अधिक गिरावट आई।
इस गिरावट और डिमेंशिया होने के खतरा को उनकी शारीरिक गतिविधियां और एक्सरसाइज की आदत भी बदल नहीं सकी।
यही नहीं, ज्यादा टीवी देखने वालों के दिमाग में ग्रे मैटर की मात्रा भी कम देखने को मिली, जो आगे उम्र में दिमाग के सिकुड़ने की ओर इशारा था।
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उनके मुताबिक, मध्य जीवन में ज्यादा टीवी देखने की आदत बढ़ने से ग्रे मैटर भी उम्र के साथ घटता चला जाता है।
लेकिन पढ़ना, कंप्यूटर और शतरंज जैसी बोर्ड गेम खेलना दिमागी कार्य कुशलता को बनाएं रखने और विकारों को घटाने में प्रभावी देखे गए।
इसलिए वैज्ञानिकों की सलाह थी कि आजीवन दिमाग के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बैठे हुए देर तक टेलीविजन देखना कम करना चाहिए।
खासकर, COVID-19 महामारी में जो लोग निष्क्रिय पड़े हुए टीवी देखने में ही ज्यादा समय बिता रहे है, उन्हें इस आदत से बचना चाहिए।