ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविधालय के नए शोध से पता चलता है कि उच्च जीवन संतुष्टि बेहतर शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है।
जीवन संतुष्टि (life satisfaction) एक व्यक्ति द्वारा उसकी मनोदशा, दूसरों से संबंधों, लक्ष्यों की प्राप्ति इत्यादि से जुड़े अपने जीवन का मूल्यांकन करने से है।
अपनी तरह के इस पहले अध्ययन का उद्देश्य यह देखना था कि क्या जीवन संतुष्टि में सकारात्मक बदलाव शारीरिक, व्यवहारिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और अच्छा महसूस करने के बेहतर परिणामों के साथ जुड़ा है?
इसके लिए शोधकर्ताओं ने 50 वर्ष से अधिक उम्र के 12 हजार से अधिक अमेरिकी लोगों से उनके जीवन की संतुष्टि और स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिए कहा गया।
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शोध में उच्च जीवन संतुष्टि को 21 सकारात्मक स्वास्थ्य और कल्याण संबंधी परिणामों से जुड़ा पाया गया।
इनमें 26 फीसदी कम मृत्यु दर, 46 फीसदी कम डिप्रेशन, 12 फीसदी पुराने दर्द में कमी, 14 फीसदी कम नींद की समस्या आदि शामिल थे।
इसके अलावा, लगातार एक्टिव रहने की आठ फीसदी अधिक संभावना, आशावाद, जीवन में उद्देश्य, और निपुणता तथा कम निराशा, नकारात्मक प्रभाव, और अकेलापन भी देखा गया। यानि अधिक जीवन संतुष्टि अच्छी सेहत की निशानी साबित हुई।
हालांकि जीवन की संतुष्टि आनुवांशिकी, सामाजिक कारकों और बदलती जीवन परिस्थितियों से जुड़ी होती है, लेकिन इसमें व्यक्तिगत और राष्ट्रीय स्तर दोनों पर सामूहिक रूप से सुधार किया जा सकता है।
इस अध्ययन के परिणामों से पता चलता है कि किसी देश की सरकार के लिए जीवन संतुष्टि उसके नागरिकों के शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और व्यवहार संबंधी स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ाने के लिए एक मूल्यवान अवसर है।
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इस पर ध्यान देकर सभी देश महामारी के बाद की दुनिया में लोगों के लिए कारगर कल्याणकारी नीतियां बना सकते है।