Fried food अधिक खाने से चिंता और डिप्रेशन हो सकते है।
ये चौंकाने वाली जानकारी दी है चीन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक नई स्टडी ने।
140,728 इंसानों की स्टडी में रोज़ाना fried food खाने से चिंता और डिप्रेशन का ख़तरा क्रमशः 12% एवं 7% अधिक था।
यह ख़तरा विशेष रूप से तले हुए आलूओं के अत्यधिक सेवन से ज़्यादा बढ़ता नज़र आया।
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Fried food खाने से पुरुषों और युवा उपभोक्तओं पर अधिक बुरे असर देखे गए।
Fried food के बुरे असर से आंतों में गड़बड़ी, सूजन में वृद्धि और फैट पचाने में दिक़्क़त पाई गई।
इन दुष्प्रभावों का मुख्य कारण fried food में उत्पन्न एक्रिलामाइड (Acrylamide) था।
एक्रिलामाइड ऐसा केमिकल है जो कुछ फ़ूड प्रोडक्ट्स में अधिक पकाने के दौरान बनता है।
यह भोजन में स्वाभाविक रूप से होता है। किसी फ़ूड पैकेजिंग या बाहरी वातावरण से नहीं आता है।
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यह केमिकल न्यूरोइन्फ्लेमेशन और लिपिड मेटाबॉलिज्म खराब करता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
लगातार एक्रिलामाइड के संपर्क से ज़ेब्राफिश में भी चिंता और डिप्रेशन जैसे लक्षण देखे गए।
हालांकि, fried food में कमी से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होने का अंदेशा भी था।
PNAS जर्नल में प्रकाशित स्टडी ने एक्रिलामाइड से पैदा चिंता और डिप्रेशन घटाने के लिए कम fried food खाने की सलाह दी।
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