ज्यादा फैट और कम कार्बोहाइड्रेट्स वाला आहार इस्तेमाल कर हार्ट फेलियर (Heart Failure) को रोका जा सकता है।
अभी तक यही माना जाता था कि खून में ज्यादा वसा (cholesterol) के बढ़ने और दिल की बीमारियां होने में सीधा संबंध होता है। इसीलिए डॉक्टर्स मरीज को कम वसा वाला आहार लेने की सलाह देते रहे है।
लेकिन नेचर मेटाबॉलिज्म जर्नल द्वारा प्रकाशित निष्कर्षों के अनुसार, ज्यादा फैट और कम कार्बोहाइड्रेट्स वाला आहार, जिसे कीटोजेनिक डाइट (ketogenic diet) के नाम से जाना जाता है, को इस्तेमाल कर चयापचय प्रक्रिया (metabolic process) के कारण होने वाला हार्ट फेलियर (heart failure) रोका जा सकता है।
अमेरिका की सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने चूहों में हार्ट फेलियर को कीटोजनिक डाइट खिलाकर ठीक किया था।
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इस प्रकार के अध्ययनों से पता चलता है कि अधिक फैट और कम कार्बोहाइड्रेट से दिल की विफलता का इलाज करने के लिए कीटोजनिक डाइट एक पोषण संबंधी चिकित्सीय तरीका हो सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, दिल के मायोकार्डियम (myocardium) को कार्डियक संकुचन (contraction) के लिए पोषक तत्वों में जमा रासायनिक ऊर्जा की बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है।
इस उच्च मेटाबॉलिक क्षमता को बनाए रखने के लिए दिल बदले हुए मेटाबॉलिक ईंधन के अनुसार स्वयं को ढाल सकता है। ऐसा विभिन्न विकास, पोषण, या शारीरिक स्थितियों के दौरान हो सकता है।
यह अध्ययन दिखता है कि कैसे मानव और चूहे के दिल को उच्च वसा, कम कार्बोहाइड्रेट वाली कीटोजनिक डाइट से ठीक किया जा सकता है।
चूहों में 24 घंटे का उपवास करवाने से दिल की रिमोडलिंग में महत्वपूर्ण सुधार प्रदान हुआ।
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निष्कर्षों से पता चला कि जिन चूहो में हृदय संबंधी एमपीसी की कमी थी, उनमे किटोसिस को सीमित करने के लिए उच्च वसा वाले आहार संग दिए गए कार्बोहाइड्रेट से हृदय विफलता में काफी सुधार हुआ।
अध्ययन आहार द्वारा कार्डियक फैट को बढाकर हृदय की शिथिलता को दूर करने या रोकने और एमपीसी-कमी की सेटिंग में रिमॉडलिंग करने की क्षमता पर प्रकाश डालता है।
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