यदि सोते समय आपको साँस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या दिल की धड़कने अनियमित गति से चलती महसूस हो तो ये हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण हो सकते है।
अब जापान में हुई एक शोध में रात को होने वाले हाई ब्लड प्रेशर को दिल की बीमारी से जोड़कर देखा गया है। जिची मेडिकल यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ता काजुओमी करियो ने चेतावनी देते हुए कहा है कि रात को होने वाले हाई ब्लड प्रेशर को तेजी से बढ़ते हृदय संबंधी जोखिम को पहले से ही बताने वाले कारक के रूप में देखा जा सकता है, भले ही दिन में आपका बीपी सामान्य हो।
शोधकर्ताओं ने कैसे इसे जाना
जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित यह अध्ययन, जापान के 6,359 रोगियों के दिन और रात के समय लिए गए ब्लड प्रेशर के स्तर पर आधारित है जो साल 2009 और 2017 के बीच मापा गया। इस अध्ययन में लगभग आधे प्रतिभागी पुरुष थे, और आधे से अधिक 65 वर्ष से अधिक उम्र के थे। सभी रोगियों में कम से कम एक हृदय सम्बंधित जोखिम कारक था, और उनमें से तीन-चौथाई ब्लड प्रेशर की दवाएं ले रहे थे। अध्ययन शुरू होने पर किसी को भी हृदय रोग नहीं था। अध्ययन के प्रतिभागियों की दैनिक गतिविधियाँ, नींद और जागने का समय एक डायरी में स्व-रिपोर्ट किया गया था। लगभग हर प्रतिभागी ने 20 दिन और सात रात स्वचालित ब्लड प्रेशर माप दर्ज किए।
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के बीच दिल के दौरे, स्ट्रोक, दिल का फेल होना और मृत्यु सहित दिल की बीमारी होने की दरों का विश्लेषण किया। अध्ययन के प्रतिभागियों ने कुल 306 हृदय संबंधी घटनाओं का अनुभव किया, जिसमें 119 स्ट्रोक, 99 कोरोनरी आर्टरी की बीमारी और 88 हार्ट फेलियर शामिल थे।
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विश्लेषण ने क्या बताया
विश्लेषण ने नींद के दौरान बढ़े हुए ब्लड प्रेशर के स्तरों को दिखाया। एक सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर, जिसका माप दिन के समय एक पर्सन के सिस्टोलिक रीडिंग से 20 मिमी एचजी से ऊपर था, एथेरोस्क्लोरोटिक हृदय रोग और हृदय की विफलता के जोखिम के साथ जुड़ा हुआ था।
जिन प्रतिभागियों में एक असामान्य सिरकाडियन पैटर्न (circadian pattern) था, जो तब होता है जब नींद का ब्लड प्रेशर दिन के समय की रीडिंग से अधिक होता है, उनमे हार्ट फेलियर के बढ़ने का और किसी भी हृदय रोग के होने का जोखिम अधिक था।
करियो के अनुसार, “ये परिणाम बताते है कि रात में सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर हृदय की किसी भी बीमारी के होने के लिए एक महत्वपूर्ण, स्वतंत्र जोखिम कारक था।”