एक नई स्टडी ने महिलाओं को गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान हुए हाई ब्लड प्रेशर से बाद के जीवन में मानसिक समस्याओं का अधिक ख़तरा पाया है।
हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान सामान्य ब्लड प्रेशर (Blood pressure) वाली महिलाओं को मानसिक विकारों से जुड़ी दिक़्क़तों का अंदेशा नहीं जाना गया।
स्टडी के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दिमागी क्षमता घटाने वाले ऐसे ब्लड प्रेशर को प्रिक्लेम्प्शिया (Preeclampsia) बताया है।
प्रेगनेंसी में प्रीक्लेम्पसिया (हाइपरटेंशन) दिल, गुर्दे या अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।
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इस बारे में यूएस विशेषज्ञों को औसतन 73 वर्षीय 2,239 महिलाओं के मेडिकल रिकॉर्ड की जांच से पता चला।
पुख़्ता सबूतों के लिए सभी महिलाओं के औसतन पाँच वर्षों के दौरान हर 15 महीने में नौ मेमोरी और थिंकिंग टेस्ट लिए गए।
सोचने और याददाश्त से जुड़े परीक्षणों के आधार पर उनकी भाषा, दृष्टि, निर्णय लेने की क्षमता आदि मानसिक कार्य कुशलता को मापा गया।
कुल मिलाकर, प्रेगनेंसी के दौरान हाई बीपी पीड़ित माताओं में सामान्य बीपी की माताओं के मुक़ाबले दिमागी कार्यक्षमता और स्वास्थ्य में अधिक गिरावट जानी गई।
फ़िलहाल, इन निष्कर्षों की पुष्टि के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता कही गई है।
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लेकिन परिणामों को देखते हुए प्रेगनेंसी के दौरान और बाद में ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखना वृद्धावस्था में मानसिक सेहत के लिए ज़रूरी माना गया है।
स्टडी के परिणाम अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ न्यूरोलॉजी की मेडिकल पत्रिका न्यूरोलॉजी में प्रकाशित हुए थे।
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