उच्च रक्तचाप (high blood pressure) दुनिया भर में जानलेवा हृदय रोग से जुड़ी कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary artery disease) का सबसे महत्वपूर्ण कारण है, ऐसा एक अध्ययन में खुलासा हुआ।
अध्ययन के शोधकर्ताओं ने एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल (LDL cholesterol) और रक्तचाप – दोनों को ही स्वस्थ आहार, वजन नियंत्रण, व्यायाम और दवाओं द्वारा जीवन भर कम रखने की सलाह दी।
सूअरों पर हुए एक प्रयोग में शोधकर्ताओं ने देखा कि कैसे उच्च रक्तचाप धमनियों की संरचना को खराब कोलेस्ट्रॉल के अधिक जमाव और एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) यानि चर्बी से धमनियों में रुकावट (plaque – प्लाक) बढ़ाकर बदल देता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस समस्या बढ़ाने में खराब कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप की हानिकारक भूमिका को उजागर करता यह अध्ययन, द जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित किया गया।
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उच्च रक्तचाप पीड़ितों में अक्सर इसे नियंत्रित करने वाले हार्मोन परिवर्तन होते रहते है। हालांकि, ज्यादा प्लाक बनना रक्तचाप से होता है या हार्मोन बदलाव से, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया था।
इसकी जांच के लिए शोधकर्ताओं ने छोटे सूअरों में प्लाक बढ़ने का विश्लेषण किया।
इन जानवरों में इंसानों जैसी ही धमनियां होती है तथा मनुष्यों की तरह उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल (high blood cholesterol) होने पर दिल में एथेरोस्क्लेरोसिस विकसित हो जाता है।
उच्च रक्तचाप से दिल पर पड़ने वाले प्रभाव देखने पर शोधकर्ताओं ने पाया कि सूअरों की धमनियां कठोर हो गई और उनमें ऑक्सीजन तथा अन्य पदार्थों युक्त खून नहीं गुजर सका।
इस कारण खराब कोलेस्ट्रॉल धमनियों के अंदर ही जमा होने लगा, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस यानि प्लाक विकसित होने की संभावना बढ़ गई।
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धमनियों में खराब कोलेस्ट्रॉल जमने से एथेरोस्क्लेरोसिस होता है यह तो सर्वविदित है, लेकिन उच्च रक्तचाप कोलेस्ट्रॉल का जमाव तेज करके इस समस्या को गंभीर बना देता है, ऐसा अध्ययन से ही पता चला।
इसलिए शोधकर्ताओं की सलाह थी कि खराब कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को आजीवन कम रखकर ही हार्ट अटैक के खतरे से बचा जा सकता है।