Diabetes and nighttime high blood pressure: हालिया जारी एक रिसर्च के नतीजों ने डायबिटीज पीड़ितों को रात में बढ़ते ब्लड प्रेशर के प्रति सचेत रहने की सलाह दी है।
रिसर्च करने वालों ने रात में हाई बीपी से टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज वालों को मौत होने का खतरा, सोते समय बीपी कम रहने वालों की तुलना में दुगुना बताया है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के हाइपरटेंशन साइंटिफिक सेशन 2021 में पेश किए गए ये नतीजे 21 साल तक चले अध्ययन के बाद जारी किए गए है।
दरअसल, नींद के दौरान बीपी कम या गिरना शुरू हो जाता है।
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हालांकि, दिन की तुलना में रात को ज्यादा होता ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी जटिलताओं और डायबिटीज रोगियों के लिए जानलेवा घटनाओं से जुड़ा हुआ पाया गया है।
यही नहीं, दिल धड़कने की गति में होने वाले कम बदलाव भी खतरनाक बताए गए है।
रिसर्च करने वाले इटली के वैज्ञानिकों ने साल 1999 में ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित 349 वयस्क स्त्रियों-पुरुषों के स्वास्थ्य की जांच शुरू की।
उन्होंने पाया कि खराब स्वास्थ्य से जुड़ी कम हृदय गति परिवर्तनशीलता सामान्य आबादी और डायबिटीज वालों में कोरोनरी धमनी रोग का खतरा बढ़ाती है।
खासकर रात में हाई बीपी से प्रभावित लगभग एक तिहाई डायबिटीज रोगियों में हृदय और रक्त वाहिकाओं को नियंत्रित करने वाली नसों को नुकसान पहुंचने का खतरा ज्यादा था।
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इस नुकसान से ब्लड प्रेशर और दिल धड़कना अधिक प्रभावित होते है, जिससे मृत्यु और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इस समस्या के गंभीर होने पर रोगियों की उम्र औसतन अढ़ाई साल कम होने का अंदाजा लगाया गया है।
वही, नींद के दौरान हाई बीपी वालों की लो बीपी वालों के मुकाबले सभी कारणों से मौत होने की दर दुगनी बताई गई है। इस श्रेणी में ज्यादातर बुजुर्ग शामिल थे।
विशेषज्ञों ने रात को और 24 घंटे अधिक रहने वाला बीपी खतरनाक और उम्र कम करने वाला बताया है। ऐसा ही दुष्प्रभाव दिल की धड़कनों में कम परिवर्तनशीलता से भी जुड़ा मिला है।
उन्होंने टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों को असामान्य ब्लड प्रेशर के पैटर्न देखे जाने पर तुरंत अलर्ट होने और डॉक्टर से सलाह लेनी की बात कही है।
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