Weight loss for heart patients: दिल के मरीजों को वजन घटाने से बीमारी में आराम मिल सकता है, यह कहना है विशेषज्ञों का।
यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अनेकों लाभ मिलने के बावजूद हृदय रोगियों को वजन घटाने (Weight loss) के लिए पर्याप्त सलाह नहीं दी जाती है।
ऐसा कोरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary heart disease) के 10,000 से अधिक रोगियों में पाया गया।
अस्पताल में दिल की बीमारी से भर्ती होने पर कम ही मरीजों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) सामान्य था। लेकिन 16 महीने बाद, मोटे (Obese) रोगियों के अलावा, भर्ती हुए 14 फीसदी अधिक वजन वाले रोगी भी मोटे हो चुके थे।
- Advertisement -
सबसे ज्यादा बुरा असर युवतियों पर देखा गया।
फिर भी एक तिहाई से अधिक मोटे रोगियों को डॉक्टरों द्वारा फिजिकल एक्टिविटी या न्यूट्रिशन के बारे में कोई सलाह नहीं दी गई थी।
रिसर्चर्स का कहना था कि शायद डॉक्टर मोटापे को एक गंभीर समस्या मानते ही नहीं। इसीलिए दिल के मरीजों को वजन नियंत्रित रखने की सलाह नहीं दी गई।
अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त कोरोनरी हार्ट डिजीज के मरीजों को हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कम करने के लिए वजन जरूर घटाना चाहिए। इससे आगे हार्ट अटैक की संभावना कम हो सकती है।
इस सच्चाई को जगजाहिर करने के लिए रिसर्चर्स ने 29 देशों में हुए अध्ययनों के आंकड़ों का विश्लेषण किया।
- Advertisement -
पता चला कि अस्पताल में भर्ती के समय मोटे और ज्यादा वजनी दिल के मरीजों में 55 वर्ष से कम वाले ज्यादा थे। इनमें भी पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अधिक थी।
हालांकि, जिन्होंने अपना वजन पांच फीसदी या अधिक घटाया, उन्हें हाई ब्लड प्रेशर, डिस्लिपिडेमिया और डायबिटीज होने का खतरा काफी कम हुआ।
ऐसा ना कर पाने वाले मोटे मरीजों को ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा देने के बावजूद हार्ट अटैक का खतरा बरकरार रहा।
मोटे या अधिक वजन वाले रोगियों के स्वास्थ्य पर लाइफस्टाइल सुधारने और वजन घटाने से सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
अपना वजन 5 फीसदी या अधिक कम करने वाले रोगियों ने भोजन में फैट एवं मीठा घटाकर, फल, सब्जियां और मछली ज्यादा खाई। साथ ही, नियमित रूप से एक्सरसाइज की और डायटीशियन की सलाह मानी।
अध्ययन के नतीजे दावा करते है कि दिल की बीमारियों से बचाने में स्वस्थ आहार अपनाने, शारीरिक गतिविधि के स्तर में वृद्धि करने और धूम्रपान छोड़ने से कम किया गया वजन जीवन रक्षक होता है।