मस्तिष्क स्वास्थ्य (Brain health) को बनाए रखने के लिए दिल को स्वस्थ रखना ज़रूरी है, ये कहना है यूएस रिसर्चर्स का।
उनकी नई स्टडी में हार्ट अटैक (Hearty attack) पीड़ितों के मानसिक कार्यों में सालों बाद काफी तेज गिरावट देखी गई है।
हालांकि, उनकी अपेक्षा बिना हार्ट अटैक वालों के सोचने, समझने, याद रखने और निर्णय लेने संबंधित कामों में कमी नहीं मिली।
जेएएमए न्यूरोलॉजी में प्रकाशित स्टडी से हार्ट अटैक बाद दिमाग की उम्र में लगभग छह से 13 साल की वृद्धि का पता चला है।
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नतीजे देखने के बाद जॉन हॉपकिंस और कई यूनिवर्सिटीज़ के रिसर्चर्स ने हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर कंट्रोल की सलाह दी है।
इन समस्याओं के अनियंत्रित होने पर दिल-संबंधी बीमारियों का ख़तरा बढ़ता है जिससे दिमाग को भी नुकसान होता है।
वर्तमान स्टडी के निष्कर्ष वर्ष 1971 और 2019 के बीच बुजुर्गों पर हुए छह अलग-अलग बड़े अध्ययनों के विश्लेषण पर आधारित थे।
पहली बार हार्ट अटैक के शिकार हुए इंसानों के मानसिक स्वास्थ्य में घटना के तुरंत बाद महत्वपूर्ण गिरावट नहीं पाई गई थी।
हालांकि, रिसर्च टीम ने घटना के वर्षों बाद उन मरीज़ों के मानसिक कौशल की जांच से ज़बरदस्त कमी का पता लगाया।
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स्टडी में शामिल हुए 30,465 पुरुषों और महिलाओं को शुरुआती दौर की जांच में दिल या दिमाग की कोई समस्या नहीं थी।
लेकिन साढ़े छ साल के बाद हार्ट अटैक पीड़ितों की मानसिक कार्य कुशलता में साल दर साल हुई जांच से गिरावट जानी गई।
हार्ट अटैक प्रभावितों में 60 से ऊपर के बुजुर्ग और पुरुषों की संख्या ज़्यादा होने की संभावना अधिक थी।
रिसर्च टीम का अगला कदम मस्तिष्क स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले दिल के अन्य पहलुओं की जांच है।
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